जिसने मंत्री को सबरीमाला मंदिर में जाने से रोका था

जिसने मंत्री को सबरीमाला मंदिर में जाने से रोका था

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर चल रहे विरोध के बीच केरल पुलिस ने केन्द्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन के निजी वाहन को भगववान अयप्पा के मंदिर में जाने से रोका था। यह कार्रवाई आईपीएस अधिकारी यतीश चंद्र ने की थी। यतीश की उम्र करीब 30 साल है, उनको वहां ‘दंबंग’ ऑफिसर के नाम से जाना जाता है।

दरअसल, बुधवार को मंत्री के काफिले के बाद एक निजी जब वहां से गुजर रहा था तभी पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इस दौरान पुलिस और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच बहस हुई थी जिसका वीडियो भी सोशल मीडियो पर वायरल हुआ था। उस वीडियो में यातीश को ये साफ कहते हुए नजर आ रहा है की वह गाड़ी अंदर नहीं जाने देंगे। वहीं मंत्री उनसे पूछ रहे हैं कि निजी वाहनों को अंदर क्यों नहीं जाने दिया जा रहा?

वीडियो में नजर आर रहा है कि यतीश, मंत्री से कहते हैं कि वो उन्हें विस्तार से बताते हैं कि क्यों नहीं जाने दे रहे लेकिन इतने में मंत्री उनकी बात काट देते हैं और जवाब देते हैं कि ‘उन्हें सब पता है’। चंद्रा ने कहा कि पंबा का पार्किंग एरिया अगस्त में आई बाढ़ में बह गया है। इसलिए वहां लैंडस्लाइड का खतरा है। राज्य परिवहन सेवा की बसें पंबा में नहीं रुकेंगी और वह तीर्थयात्रियों को लेकर लौट जाएंगी। लेकिन अगर नजी वाहनों को आने की इजाजत दी दई तो उनसे ट्रैफिक जाम होगा और श्रद्धालुओं को दिक्कत होगी। इस पर राधाकृष्णन ने चंद्र से पूछा जब सरकारी बसों को जाने की इजाजत है तो निजी वाहनों को क्यों नहीं?

मंत्री जब चंद्र की बात समझने को तैयार नहीं हुए तो उन्होंने कहा, अगर एक निजी वाहन जाने दिया जाएगा तो अन्य लोग भी वहां जाने का प्रयास करेंगे। अगर वहां ट्रैफिक की व्यवस्था खराब होती है तो क्या आप जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं? इस पर राधाकृष्णन ने तुरंत जवाब दिया कि वह जिम्मेदारी नहीं लेंगे। इस पर चंद्र ने मुस्कुराते हुए कहा, यहां यही दिक्कत है, कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता।

इस दौरान राधाकृष्ण के साथ मौजूद बीजेपी नेता पुलिस ऑफिसर से ही उलझने लगे। विवाद बढ़ता देख चंद्र ने बीजेपी के महासचिव के सुरेंद्रन और हिंदू आयक वेदी प्रमुख केपी ससिकला को गिरफ्तार कर लिया। हमारी सहयोगी वेबसाइट लाइव मिंट से बाद करते हुए यतीश चंद्र ने बताया कि, किसी भी पार्टी और नुकसान पहुंचाए बिना वो सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रहे थे। हमारा मकसद सिर्फ वहां भक्तों के लिए शांति बनाए रखना था।

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