यूपी: ऑपरेशन के बाद मरीज को स्ट्रेचर से उतारा,

यूपी: ऑपरेशन के बाद मरीज को स्ट्रेचर से उतारा,

सीने में फोड़े की परेशानी के बाद परिवारीजनों राजेश को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। 30 अगस्त से भर्ती मरीज का जनरल सर्जरी विभाग में ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के बाद मरीज को स्ट्रेचर उपलब्ध कराया गया। शुक्रवार को मरीज से स्ट्रेचर भी ले लिया गया। ऑपरेशन के दर्द से कराहता राजेश फर्श पर तड़प रहा।

घटना दोपहर करीब 12 बजे की है। ट्रॉमा में सर्जरी विभाग में राजेश का कुछ रोज पहले सीने में फोड़े का ऑपरेशन हुआ था। उसके बाद मरीज को स्ट्रेचर पर रखा गया। शुक्रवार दोपहर 12 बजे मरीज से स्ट्रेचर भी खाली करा लिया गया।

दो घंटे बाद तड़पते मरीज को मिला स्ट्रेचर
सड़क हादसे में घायल बाराबंकी के पुरुषोत्तम को गंभीर अवस्था में ट्रॉमा सेंटर लाया गया। दो घंटे के इंतजार के बाद स्ट्रेचर तो मिल गया लेकिन बेड के इंतजार में मरीज तड़पता रहा। बेहोशी की हालत में मरीज छटपटा रहा था। वहीं न्यूरो सर्जरी विभाग में स्ट्रेचर पर मरीजों की भर्ती प्रभवित है। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। 40 से 50 प्रतिशत सिर में चोट लगे मरीजों को वापस लौटाया जा रहा है।

संवेदनहीनता से मरीजों की जान सांसत में
ट्रॉमा सेंटर में करीब 400 बेड हैं। रोजाना 200 से ज्यादा मरीज इमरजेंसी में आ रही हैं। इनमें से 120 से ज्यादा मरीजों की भर्ती हो रही है। ट्रॉमा में बेड के अलावा 100 से ज्यादा स्ट्रेचर हैं। इसके बावजूद मरीजों को बेड की बात तो दूर स्ट्रेचर तक नहीं मिल रहे हैं। मरीज बेहाल हैं। दर्द से कराहते मरीजों पर किसी को तरस नहीं आ रहा है। बेहतर इलाज की आस में आने वाले मरीजों को बदइंतजामी का सामना करना पड़ रहा है।

अफसरों की फौज और यह हाल
ट्रॉमा सेंटर में बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए अफसरों की फौज है। 10 से ज्यादा अधिकारी तैनात हैं। इसके बावजूद मरीजों को मुकम्मल इलाज नहीं मिल रहा है। बेड, स्ट्रेचर व इलाज के लिए मरीजों को जद्दोजहद करनी पड़ रही है। मेडिसिन विभाग के बाहर स्ट्रेचर पर मरीजों की लाइन लगी रहती है, जबकि चैनल बाहर से बंद था।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll Up