सीएम साहब, देवरिया के बालिका गृह से मेरी बेटी वापस दिलाएं

सीएम साहब, देवरिया के बालिका गृह से मेरी बेटी वापस दिलाएं

देवरिया के बालिका गृह का मामला बस्ती से भी जुड़ गया है। जिले के गौर थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि वह दो साल से देवरिया के बालिका गृह में अपनी बेटी से मिलने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन मुलाकात नहीं कराई गई। बालिका गृह कांड के बाद अब लगता है कि बेटी के साथ कोई हादसा हो गया है। इसकी जांच करा मुझे मेरी बेटी दिलाई जाए।

पीड़ित पिता ने यह पत्र मुख्यमंत्री पोर्टल पर सात अगस्त को समाचार पत्रों में देवरिया के बालिका गृह की खबरें प्रकाशित होने के बाद प्रेषित किया। पीड़ित पिता ने बताया कि उसकी बेटी को गांव का एक युवक फुसला कर साथ ले गया और दुष्कर्म किया। गौर पुलिस ने उसकी तहरीर पर फरवरी 2016 में मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने 22 मार्च 2016 को उसकी बेटी बरामद की। बेटी ने पिता के घर जाने से मना किया तो पुलिस ने उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। बाल कल्याण समिति ने 23 मार्च 2016 को उसे मां विध्यवासिनी संस्थान के बाल गृह बालिका स्टेशन रोड देवरिया भेज दिया।

बेटी को देवरिया भेजे जाने की जानकारी कुछ दिन बाद मुझे हुई। उसके बाद पता करते हुए मैं देवरिया स्थित बाल गृह बालिका स्टेशन रोड गया तो बताया गया कि मेरी बेटी को प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है। लगभग डेढ़ साल से मैं जब-जब देवरिया बालिका गृह गया तो यही जवाब मिला।

एक माह पहले मैं देवरिया के बालिका गृह जाकर जिद कर बैठा कि मुझे मेरी बेटी से मिलाया जाए, तभी वापस लौटूंगा। इससे नाराज वहां के कर्मियों ने कहा कि तुम्हारी बेटी यहां से भाग गई है। उसे जाकर कहीं और खोजो। वह यहां पर नहीं है। निराश होकर मैं घर लौट आया। अब वहां के हालात सुन लगता है कि मेरी बेटी के साथ कोई हादसा हो गया। उसे खोज कर मेरे सुपुर्द किया जा

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