लखनऊ जलकल विभाग को मिला बड़ा सम्मान

लखनऊ वासियों के लिए एक अच्छी ख़बर

लोगों को मिलेगा और बेहतर पानी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लोगों के लिए एक अच्छी खबर आई है। नगर निगम के जलकल विभाग को उनके पानी साफ करने वाले दो बड़े प्लांट्स के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के आईएसओ सर्टिफिकेट मिले हैं। ये सर्टिफिकेट यह दिखाते हैं कि अब शहर के लोग और भी अच्छी गुणवत्ता का पानी पी पाएंगे, वो भी पूरी सफाई और सुरक्षा के साथ।

क्या है आईएसओ सर्टिफिकेट?

आईएसओ यानी “इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर स्टैंडर्डाइजेशन”। यह एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो बताती है कि किसी चीज का काम करने का तरीका कितना अच्छा, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल है। जब किसी संस्था को आईएसओ का सर्टिफिकेट मिलता है, तो इसका मतलब होता है कि वह संस्था दुनिया के तय किए गए अच्छे मानकों पर काम कर रही है।

ऐशबाग और कठौता के प्लांट्स को तीन-तीन सर्टिफिकेट

लखनऊ में दो बड़े पानी साफ करने वाले प्लांट हैं — एक ऐशबाग में और दूसरा कठौता में। ऐशबाग का प्लांट रोज़ करीब 200 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) पानी साफ करता है, और कठौता का प्लांट रोज़ 80 एमएलडी पानी साफ करता है।

इन दोनों प्लांट्स को तीन खास तरह के आईएसओ सर्टिफिकेट मिले हैं:

1. ISO 9001:2015 – क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम
यह बताता है कि यहां जो भी काम होता है, वह पूरी गुणवत्ता और ध्यान से किया जाता है। यानी जो पानी लोगों को मिलता है, वह साफ और पीने के लायक होता है।

2. ISO 14001:2015 – एनवायरमेंटल मैनेजमेंट सिस्टम
इसका मतलब है कि पानी साफ करने की प्रक्रिया में पर्यावरण का ध्यान रखा जाता है। यानी न तो ज़्यादा कचरा फैलाया जाता है और न ही पानी या हवा को गंदा किया जाता है।

3. ISO 45001:2021 – हेल्थ एंड सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम
इस सर्टिफिकेट से साबित होता है कि जो कर्मचारी इन प्लांट्स में काम करते हैं, उनकी सुरक्षा और सेहत का पूरा ख्याल रखा जाता है।

लोगों को क्या फायदा होगा?

अधिशासी अभियंता श्री सचिन सिंह यादव ने बताया कि इन सर्टिफिकेट्स से सबसे बड़ा फायदा आम लोगों को होगा। अब उन्हें ऐसा पानी मिलेगा जो सिर्फ साफ ही नहीं बल्कि मानकों के हिसाब से जांचा-परखा होगा। इससे बीमारियों का खतरा नहीं होगा और भरोसे के साथ पानी पिया जा सकेगा। साथ ही, प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों की भी सुरक्षा पक्की होगी।

क्या कहता है जलकल विभाग?

जलकल विभाग के जीएम श्री कुलदीप सिंह ने बताया कि ये सर्टिफिकेट मिलना उनके लिए गर्व की बात है। इसका मतलब है कि उनका काम अंतरराष्ट्रीय स्तर का माना गया है। वे आगे भी इसी तरह से काम करते रहेंगे ताकि शहर के लोगों को सबसे अच्छा पानी मिल सके।

माननीय महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल जी ने कहा कि आईएसओ सर्टिफिकेट सिर्फ एक कागज़ का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि लखनऊ जैसे बड़े शहर में भी अब गुणवत्ता, पर्यावरण और सुरक्षा को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है। इससे आने वाले समय में लखनऊ के लोग और ज़्यादा साफ, सुरक्षित और भरोसेमंद पानी का इस्तेमाल कर सकेंगे। यही सरकार की प्राथमिकता भी है।

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