सम्मानजनक सीटें न मिलीं तो बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी :

सम्मानजनक सीटें न मिलीं तो बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी :

बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने रविवार को स्थिति साफ करते हुए कहा कि सम्मानजनक सीटें न मिलने पर उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने यह भी साफ किया कि चंद्रशेखर रावण से उनका बुआ व खून का कोई रिश्ता नहीं है। मायावती ने रविवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बसपा किसी भी पार्टी के साथ तभी कोई चुनावी गठबंधन करेगी, जब उनकी पार्टी को सम्मानजनक सीटें मिलेंगी। वरना फिर हमारी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ना ज्यादा बेहतर समझती है। उन्होंने कहा कि लोकसभा व कुछ राज्यों में होनेवाले विधानसभा चुनाव में बसपा समेत अन्य सभी विरोधी पार्टियों की पूरी कोशिश रहेगी कि भाजपा को सत्ता में वापस आने से रोका जाए। इसीलिए गठबंधन करके चुनाव लड़ने की बात की जा रही है।

वोट बैंक के लिए जोड़ा जा रहा रिश्ता
मायावती ने हाल ही जेल से रिहा हुए चंद्रशेखर रावण का नाम लिए बिना कहा कि मेरा उनके साथ कोई रिश्ता नहीं है। सहारनपुर शब्बीपुर कांड में शामिल व्यक्ति अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए मेरे साथ ‘बुआ व खून’ का रिश्ता बता रहा है। मैं साफ कर देना चाहती हूं कि मेरा इस किस्म के लोगों के साथ रिश्ता कभी कायम नहीं हो सकता है। मेरा रिश्ता देश के तमाम करोड़ों एससी-एसटी, आदिवासियों व अन्य कमजोर वर्ग के लोगों से है। जो लोग मुझे अपना आदर्श मानकर हमेशा पार्टी व आंदोलन के हित में मेरे साथ खड़े रहते हैं। इसलिए समाज के लोगों को ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए जो कहते कुछ हैं और पर्दे के पीछे करते कुछ हैं। अगर ऐसे लोग वाकई में समाज के हितैषी हैं, तो उन्हें अलग संगठन बनाने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्हें बसपा से जुड़कर काम करना चाहिए।

दलित कहने पर ऐतराज नहीं होना चाहिए
दलित कहे जाने के सवाल पर मायावती ने कहा कि जब भारत को ‘हिन्दुस्तान’ कहने पर ऐतराज नहीं है, तो इन लोगों को ‘दलित’ कहने पर ऐतराज नहीं होना चाहिए।

अटल के कहे पर चलते तो भीड़ हत्या न होती
भाजपा के लोग पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु को भी राजनीतिक लाभ के लिए भुनाने पर जुटे हुए हैं। भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारें अगर उनके पदचिह्नों पर चलती तो धार्मिक उन्माद खासतौर से गोहत्या के नाम पर हिंसा व जातिवादी सांप्रदायिक वारदातें न होती। यहां तक लोकतंत्र में भीड़तंत्र का राज न होता और न ही भीड़ हत्या होती। उन्होंने राफेल के मामले में भाजपा को जवाब देते नहीं बन रहा।

भाजपा-कांग्रेस एक जैसी
मायावती ने कहा कि भ्रष्टाचारियों को विदेश भगाने में एनडीए सरकार और पूर्व की कांग्रेस सरकार का हाल एक जैसा रहा है। महंगाई रोक पाने में दोनों सरकारें विफल रही।

दिल्ली व लखनऊ में घर गिफ्ट के पैसे से
13-ए माल एवेन्यू का सरकारी आवास खाली करने के बाद अपने नए आवास नौ माल एवेन्यू में स्वागत करते हुए कहा कि लखनऊ व दिल्ली में गिफ्ट में मिले पैसे से मकान बनाया। भाजपा पर तंज कर शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि साम, दाम, दंड, भेद जैसे हथकंडे अपना कर विद्वेषपूर्ण सरकारी मकान से निकलने की कार्रवाई न होती तो यह मकान न बनता।

गठबंधन पर फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा : कांग्रेस
मायावती के गठबंधन को लेकर रविवार को दिए गए बयान पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने कहा है कि लोकसभा का चुनाव राष्ट्रीय चुनाव है। महागठबंधन के बारे में कोई भी फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व लेगा। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता ओंकार नाथ सिंह ने इस बारे में पूछे जाने पर ‘हिन्दुस्तान’ से कहा कि बसपा अध्यक्ष मायावती बहुत बड़ी नेता हैं। उनका हम सभी बहुत सम्मान करते हैं। खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी बसपा अध्यक्ष का बेहद सम्मान करती हैं।

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