नोएडा होमगार्ड वेतन घोटाले की आंच पहुंची लखनऊ

नोएडा होमगार्ड वेतन घोटाले की आंच पहुंची लखनऊ

लखनऊ। नोएडा होमगार्ड वेतन घोटाले की जांच की आंच पर अब लखनऊ तक पहुंच गई है। सीएम योगी के इस मामले पर सख्ती बरतने के बाद गुरुवार को लखनऊ में इस घोटाले के मास्टरमाइंड जिला कमांडेंट कृपा शंकर पाण्डेय को गिरफ्तार किया गया है। इनके ऊपर फर्जी ड्यूटी लगाकर सरकारी धन के बंदरबांट का आरोप है। आरोप है कि कमांडेंट कृपा शंकर पांडे ने गुडंबा थाने में सिर्फ जुलाई, अगस्त के महीने में 5 लाख का गबन किया। जांच में पता चला कि सिर्फ 9 होमगार्ड ड्यूटी कर रहे थे और 23 होमगार्ड की पेमेंट ली गई। बता दें कि फर्जी कागजात तैयार कर होमगार्ड का वेतन हड़पने के बड़े घोटाले में बुधवार देर रात गोमती नगर थाना में केस पंजीकृत कर गुरुवार सुबह लखनऊ के जिला कमांडेंट कृपा शंकर पाण्डेय को गिरफ्तार किया गया। लखनऊ में होमगार्ड की ड्यूटी लगाने के नाम पर कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर कई गुना वेतन निर्गत किया गया है। इस संबंध में थाना गोमतीनगर में जिला कमांडेंट होमगार्ड कृपा शंकर पाण्डेय के खिलाफ आईपीसी 409 467 468 471 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। गिरफ्तारी के बाद अब उनको कोर्ट में पेश किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस घोटाले की अगर सही से जांच हुई तो इसके दायरे में कई आला अधिकारी भी आएंगे। सरकार का प्रयास पूरे घोटाले के मास्टरमाइंड को सामने लाने का है। फर्जी ड्यूटी लगाकर सरकारी धन की बंदरबांट की गई और वेतन भी पास होता चला गया। फिलहाल तो बड़ी कार्रवाई करते हुए कृपाशंकर पांडेय जिला कमांडेंट (होमगार्ड) को गिरफ्तार किया गया है। इस बारे में डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि कृपा शंकर पांडे के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं।जिसके बाद गोमतीनगर थाने में पांडे के खिलाफ अमानत में खयानत धोखाधड़ी की धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई। यह एफआईआर इंस्पेक्टर गुडंबा ने दर्ज कराई। डीजीपी ने बताया कि इस मामले में जो कोई भी शामिल होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इसी क्रम में आज लखनऊ से गिरफ्तारी की गई है। डीजीपी ने बताया कि कमांडेंट कृपा शंकर पांडे ने फर्जी मस्टररोल से गबन किया। राजधानी के सिर्फ एक थाने में 2 महीने में 5 लाख रुपए का घोटाला हुआ। गुडंबा थाने में सिर्फ 9 जवानों की ड्यूटी लगाई गई और तैनाती 23 जवानों की दिखाकर फर्जी बिल से पैसे ट्रेजरी से निकाले गए। सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह सिर्फ एक थाने का मामला है। लखनऊ में 44 थाने हैं। अगर सभी जगह घोटाला हुआ है तो यह एक बड़ा फर्जीवाड़ा है। हालांकि डीजीपी ने सभी जिलों में जांच के निर्देश दिए हैं। इसके बाद तत्कालीन जिला कमांडेंट (अब मंडलीय कमांडेंट, अलीगढ़) रामनारायण चैरसिया, सहायक जिला कमांडेंट सतीश चंद और अवैतनिक प्लाटून कमांडरों सत्यवीर यादव, शैलेंद्र कुमार व मोंटू कुमार को गिरफ्तार किया गया। रामनारायण 2017 से 2019 तक गौतमबुद्धनगर के जिला कमांडेंट थे। पुलिस पांच साल पहले तक की वेतन निकासी की जांच करेगी। गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों का निलंबन तय है। बुधवार को इसकी पत्रावली मुख्यमंत्री के यहां भेजी गई, जिस पर जल्द फैसला होगा।

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