महिला पत्रकारों द्वारा सोशल मीडिया पर ‘मीटू अभियान’ के तहत लगाए गए आरोपों को पूर्व मंत्री एम.जे. अकबर की ओर से कोर्ट में प्रतिवाद किया गया। अकबर की ओर से पैरवी कर रहीं वकील गीता लूथरा ने कहा, अकबर की 40 साल में तैयार छवि धूमिल हुई है। इसकी भरपाई नहीं हो सकती। दूसरे ट्वीट को 1200 लोगों ने लाइक किया। इन्हें देश-विदेश के मीडिया ने इस्तेमाल किया। रमानी को इन्हें साबित करना चाहिए। लूथरा ने अन्य महिलाओं के ट्वीट्स का भी हवाला दिया। पढ़ें कोर्ट में जज और वकी के बीच सवाल-जवाब।
जज: आप किसके वकील हैं?.
संदीप कपूर : जी, एम.जे. अकबर। .
प्रिया रमानी ने अकबर की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाले ट्वीट किए हैं, उसके पहले ट्वीट की भाषा से ही यह स्पष्ट होता है। ट्वीट पर एक आर्टिकल का लिंक भी दिया हुआ है। इसमें अकबर के लिए अपमानजनक बातें लिखी गई हैं। केस कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आता है। रमानी को नोटिस किया जाए।
जज : पहले अपमानजनक कथनों को देख लें, फिर तय करेंगे। आर्टिकल से आपका मतलब है इससे प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची।
लूथरा: प्रिया द्वारा किए ट्वीट अकबर के व्यक्तित्व को ठेस पहुंचाते हैं। दूसरे ट्वीट को करीब 1200 लोगों ने लाइक किया। बड़ी संख्या में लोगों ने इन्हें पढ़ा, रीट्वीट भी किया। ट्वीट्स का जिक्र देश-विदेश की मीडिया ने भी अपने लेखों में किया है। यह सब जगह फैल गए। जब तक रमानी सच साबित नहीं कर देतीं, तब तक उनके ट्वीट्स मानहानि वाले ही माने जाएंगे। .
कपूर: अकबर ने उत्पीड़न के आरोपों के चलते ही विदेश राज्यमंत्री के पद से बुधवार को इस्तीफा दे दिया और यह उनकी प्रतिष्ठा को हुई क्षति को दर्शाता है। प्रतिष्ठा की अपूरणीय क्षति हुई है। .
लूथरा : गवाहों में अकबर के दोस्त, पत्रकार और अन्य लोग हैं।
जज : क्या गवाहों ने इन ट्वीट्स को पढ़ा है?
लूथरा : अकबर का बतौर पत्रकार, लेखक,राजनीतिज्ञ 40 साल का कॅरियर है। रमानी ने इसे नष्ट कर दिया। अकबर के पास दोस्तों, रिश्तेदारों के फोन आए। परिजनों, परिचितों, पड़ोसियों ने इसके बारे में पूछा। इससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची, नुकसान हुआ।
लूथरा : अदालत को उनकी शिकायत पर संज्ञान लेना चाहिए।
जज : अकबर व गवाहों के बयान को दर्ज कराने के लिए सुनवाई 31 अक्तूबर को तय जाती है।