दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत की वजह से सुर्खियों में आया भाटिया परिवार का घर एक बार फिर लोगों की चर्चा का विषय बना गया है। करीब साढ़े तीन माह के बाद गुरुवार को यह घर फिर से खुल गया।
मकान के खुलते ही घटना के बाद से चर्चा का विषय बने 11 पाइपों को ललित के बड़े भाई दिनेश ने बुधवार को तुड़वा दिया। दरअसल, 11 मौतों को लोग इन पाइपों से जोड़कर देख रहे थे। इसमें सात पाइपें मुड़ीं थीं और चार सीधी थीं। लोगों का मानना था कि मुड़ी पाइपें मृत महिलाओं और सीधी पाइप पुरुषों से जुड़ी हैं। इस बीच पुलिस से परिवार के लोगों पाइपों को तुड़वाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन कोर्ट का आदेश नहीं होने के कारण पुलिस ने अनुमति नहीं दी। आखिर जब घर पर कब्जा मिल गया तो दिनेश ने इन्हें तोड़कर बंद कर दिया।
वहीं संत नगर की गली संख्या-2 के लोग धीरे-धीरे भाटिया परिवार के साथ ही 1 जुलाई को हुई दिल दहला देने वाली सामूहिक मौत की घटना को भूल चुके थे। मगर, गुरुवार को जब घर और दुकान का ताला खुला तो एक बार फिर पूरी घटना सिलसिलेवार ढंग से लोगों के लिए ताजी हो गई। सुबह करीब 9:30 बजे नौकर राम विलास ने ललित के प्लाईबोर्ड की दुकान ताला खोला और झाड़ू आदि लगाकर ग्राहकों का इंतजार करने लगा। इस दौरान गली से गुजरने वाले लोग दुकान और घर को को खुला देखकर रुक जाते, फिर आपस में चर्चा करते और आगे बढ़ जाते।
ललित के बड़े भाई दिनेश ने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ यहां पर आए हैं। घर की साफ सफाई करने के बाद यहां नवरात्रि की पूजा की गई है। उन्होंने बताया कि दुकान के सहारे कई लोगों की जीविका चल रही थी, इसलिए नौकर राम विलास को खोजा गया। फिलहाल, राम विलास से दुकान की देखभाल करने के लिए कहा गया है।
उन्होंने बताया कि उनके घर में रहने से इलाके के लोगों के मन में अंधविश्वास दूर होगा। उन्हें इस घर में रात गुजारने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई। हालांकि, उन्हें पूरे परिवार की याद आ ही रही है। .
पुलिस का मानना था कि ललित मानसिक बीमारी से ग्रस्त था। इसलिए उसकी साइकोलोजिकल आटोप्सी कराने की बात कही गई। 10 सितंबर को साइकोलोजिकल आटोप्सी की रिपोर्ट में मौत का कारण सामूहिक आत्महत्या माना गया।.