दिग्गज सर्च इंजन कंपनी गूगल बिना अनुमति के आपकी हर गतिविधि पर नजर रखती है। आप कहां जाते हैं वह इसका पूरा रिकॉर्ड रखती है।
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि एंड्रायड डिवाइसेज और आईफोन पर मौजूद गूगल की कई सेवाएं आपके लोकेशन डाटा को भी स्टोर कर लेती हैं, भले ही आपने प्राइवेसी सेटिंग्स का इस्तेमाल क्यों न किया हो। जबकि इसमें कहा जाता है कि वे ऐसा नहीं कर पाएंगी। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस रिसर्चर ने इस बात की पुष्टि की।
गूगल का दावा है कि ऐसा करने से कंपनी आपकी स्थिति की जानकारी इकट्ठा नहीं करती। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता। मसलन, जैसे ही आप गूगल मैप ऑन करते हैं आपकी तत्कालीन स्थिति का स्नैपशॉट गूगल पर आपके अकाउंट में पहुंच जाता है। गूगल पर सर्च करते वक्त भी कंपनी आपकी स्थिति की जानकारी जुटा लेता है।
गूगल के एंड्रायड ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर पर संचालित डिवाइसेज के दो अरब उपभोक्ता और दुनियाभर में आईफोन के करोड़ों उपभोक्ता मैप या सर्च के लिए गूगल पर भरोसा करते हैं लेकिन उनके निजता हमेशा खतरे में रहती है। आपके पल-पल के सफर को स्टोर करने से निजता हनन का खतरा रहता है और इसका इस्तेमाल पुलिस संदिग्धों की लोकेशन जानने में करती रही है।
एप से जासूसी
क्रोम : वेब हिस्ट्री से जानकारी जुटाता है।
यूट्यूब : कौन सा वीडियो अपलोड किया और कौन सा देखा।
मैप्स : कब कहां गए और कहां सर्च किया।
हैंगआउट : किन-किन लोगों से बात की
जीमेल : कॉन्टैक्ट और ईमेल से जानकारी जुटाई।
ऐसे बच सकते हैं
– वीपीएन का इस्तेमाल करके
– प्राइवेसी सेटिंग एडजस्ट करके
– गूगल अकाउंट डिलीट करके
– लोकेशन बंद करके