केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दावा किया कि रेलगाड़ियों में मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता में गिरावट संबंधी शिकायतें पिछले दो सालों में कम हुई हैं।
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में बताया कि खानपान की गुणवत्ता के बारे में प्राप्त शिकायतों के आंकड़ों से पता चला है कि पिछले दो वित्तीय वर्षों में शिकायतों की संख्या में गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि सिर्फ खानपान की गुणवत्ता की शिकायतों की संख्या में ही नहीं, बल्कि अन्य प्रकार की शिकायतों सहित कुल शिकायतों में गिरावट देखी गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल का प्रयास है कि गाड़ियों में परोसे जा रहे भोजन की गुणवत्ता और रेलों पर समग्र खानपान सेवाओं में वास्तविक रूप से सुधार लाया जा सके।
दिवाला और शोधन अक्षमता विधेयक मंजूर
सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) और मकानों के खरीददारों को राहत प्रदान करने से जुड़े दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता दूसरा संशोधन विधेयक 2021 को संसद की मंजूरी मिल गई। सरकार ने उम्मीद जताई कि विधेयक के प्रावधानों के कारण ऐसे मामलों के निस्तारण में काफी मदद मिलेगी। राज्यसभा ने शुक्रवार को इस विधेयक को संक्षिप्त चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि दिवाला कानून में संशोधन की बात आने पर कुछ विषय उठाए गए थे, जिसमें कंपनी के बंद होने, रोजगार चले जाने जैसे विषय शामिल हैं। इसमें ऐसे प्रावधान है, जिससे मकान के खरीदारों को सहूलियत होगी।
मंत्री को अपने ही सहयोगी से उलाहना सुनना पड़ा
राज्यसभा में सदस्यों को निर्धारित समय से अधिक बोलने के लिए आसन की ओर से नसीहत मिलना तो प्राय: देखने को मिलता है किंतु आज एक मंत्री को इसके लिए उनके एक वरिष्ठ मंत्री और सभापति द्वारा टोका गया।
उच्च सदन में भोजनावकाश के बाद शाम पांच बजे तक गैर सरकारी कामकाज हुआ। इसके बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले दो विधेयकों पर चर्चा कर उन्हें पारित किया गया। इन दो विधेयकों को काफी कम समय में पारित करना था। लेकिन दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (दूसरा संशोधन) विधेयक को चर्चा के लिए पेश करते हुए कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री पीपी चौधरी ने बोलने में करीब 20 मिनट का समय निकाल दिया। समय की कमी को देखते हुए वित्तमंत्री पीयूष गोयल और संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने चौधरी को अपनी बात को जल्द पूरा करने के लिए संकेत किया। इसके बावजूद जब चौधरी बोलते रहे तो वित्तमंत्री गोयल ने उनके पास जाकर उन्हें अपनी बात जल्द पूरी करने के लिए कहा। इसके बावजूद जब वह बोलते रहे तो सभापति एम. वेंकैया नायडू ने उन्हें समय की कमी का हवाला देते हुए अपनी बात समाप्त करने की नसीहत दी।