थाना तालकटोरा छेत्र में एक जमीन पर निर्माण कार्य को लेकर एक ही परिवार के लोगों में विवाद

एक पक्ष का कहना है ज़मीन मंदिर की आराजी है वहीं दूसरे पक्ष ने उसे निजी सम्पत्ति बताया

लखनऊ। शनिवार को थाना तालकटोरा क्षेत्र के राजाजी पुरम बी ब्लॉक में मंदिर की संपत्ति पर हो रहे एक निर्माण को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। बात बढ़ने पर डायल 112 को कॉल करो बुलाई गई पुलिस। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर रुकवाया काम। पूरा मामला थाना तालकटोरा क्षेत्र के राजाजीपुरम बी ब्लॉक का है। जहाँ श्री आनंदेश्वर महादेव इच्छापूर्ति मंदिर की ज़मीन पर हो रहे एक निर्माण के दौरान दो पक्षों में कहां सुनी हो गई। श्री आनंदेश्वर महादेव इच्छापूर्ति मंदिर के संरक्षक मुकेश मौर्या ने बताया की यह मंदिर लगभग 80 साल पुराना है जोकि हमारे पूर्वजों का बनवाया हुआ है। यहां पर मंदिर की काफी जमीन थी जिस पर क्षेत्र वासियों द्वारा भजन कीर्तन हुआ करता था इसी में एक पूजनीय कुआं भी है जिनको हमारे चाचा के लड़के कुछ लोगों से मिलकर दबंगई करके इस मंदिर की जमीन को बेच रहे हैं उनका कहना था यह हमारी निजी संपत्ति है जिसमें से आधी आवास विकास में गई थी जिसमें से वर्षो पहले आवास विकास में एक प्लांट को किसी को अलॉट कर दिया था जिसका हमारे पिता ने विरोध किया और उसमें विवाद हुआ इसके बाद आवास विकास ने वह प्लांट कहीं और शिफ्ट करके इस प्लांट को मंदिर के लिए छोड़ दिया था उनका कहना था कि 1 वर्ष पूर्व भी इस जमीन को लेकर विवाद हो चुका है जिसके बाद थाना तालकटोरा में दोनों पक्षों के बीच इस बात पर सुलह समझौता हुआ था की इस मंदिर की जमीन पर कोई भी निर्माण नहीं किया जाएगा तथा इस मंदिर की जमीन पर किसी भी तरह के पूजा पाठ के कार्यक्रम को करने पर रोक नहीं लगाई जाएगी। मुकेश मौर्या का कहना था की मामले को लेकर कोर्ट में व स्थानीय पुलिस को लिखित सूचना दी जा चुकी है। वहीं दूसरे पक्ष का है कहना था की संपत्ति मेरे हिस्से की है और इस संपत्ति का मौखिक रूप से बटवारा हो चुका है जिसको हमने बेचा है। यहां निर्माण करवा रहे जितेंद्र यादव का कहना है की इस संपत्ति को मैंने खरीदा है और 8 महीने से हम इस पर क़ाबिज़ हैं अब जब हमने इस पर निर्माण करना शुरू किया है तो उनके चाचा के परिवार के ही लोग विरोध करने खड़े हो गए हैं। वही यही के स्थानीय निवासी 82 वर्षीय राम अवतार कहते हैं कि इसमें यदि जमीन इन्होंने खरीदी है तो इसमें कोई खसरा खतौनी नंबर नहीं है तो आखिर किस खसरा से इन्होंने रजिस्ट्री करायी है। मामले को लेकर स्थानीय थाना प्रभारी तालकटोरा का कहना था की यह जमीन मंदिर की है या नहीं यह अभी क्लियर नहीं है, किंतु वहां पर विवाद था इसलिए निर्माण को रोक दिया गया है, इसमें एक पक्ष का कहना है कि यह जमीन उनकी खरीदी हुई है तो वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि यह निर्माणकर्ता विक्रय के लिए अधिकृत नहीं है और यह संपत्ति मंदिर की है जिसका यह वाद भी दाखिल कर रखे हैं मेरे द्वारा वाद के पेपर मांगे गए हैं जब तक फिलहाल काम को बंद करा दिया गया है।

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