लखनऊ । उलेमा और जाकिरीन की एक बैठक मे वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इमाम बाड़ा जन्नत मआब लखनऊ में आयोजित हुई जिसकी अध्यक्षता सैयद लियाकत रजा ने की जिसमें बड़ी संख्या में धर्म गुरूओं ने भाग लिया। बैठक का संचालन मौलाना गुलाम हुसैन सदफ ने किया । बैठक की शुरूआत पवित्र कुरान के पाठ के बाद उद्घाटन भाषण के लिए। मौलाना सैयद सैफ अब्बास को आमंत्रित किया। मौलाना सैयद सैफ अब्बास ने कहा कि लखनऊ में जो स्थिति पैदा हुई है वह बहुत चिंताजनक है। कभी इमाम बाड़ा की पवित्रता को भंग किया जाता है तो कभी दरिया वाली मस्जिद के गेट को ध्वस्त कर दिया जाता है ऐसे समय में कुछ लोगों का चयन करना जरूरी है जो शिया समाज की सेवा के लिए आगे आते रहे ताकि धार्मिक स्थलो को बचाया जा सके। बैठक मे बोलते हए डॉ0 अली खान ने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि जो ज्ञान हमारा है उसे संरक्षित किया जाए और इस पर भी विचार किया जाना चाहिए । मौलाना जहीर अहमद इफ्तिखारी ने संबोधित करते हुए कहा कि हमें शियों की स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाने चाहिए और इसके लिए आवश्यक है कि कुछ लोग संयुक्त रूप से सेवा के लिए आगे बढ़ें। बैठक को सम्बोधित करते हुए अब्बास इरशाद ने कहा कि राष्ट्र में कई मुद्दे हैं जिन पर चर्चा होनी चाहिए क्योंकि जरदोज़ी का काम खत्म हो गया है आज कोई बदलाव नहीं हुआ है इस लिए एक टीम हो जो इन लोगों का मार्ग दर्शन करती रहे और सरकार से राष्ट्र के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराएं। मौलाना डॉ0 कल्बे सिबतैन नूरी ने कहा कि अगर संयुक्त समिति होती है तो शंका कम और विवेक अधिक होता। बैठक मे बोलते हुए मौलाना डॉ0 यासूब अब्बास ने कहा कि मैं हमेशा शियों की खिदमत करता आया हुं और हमेशा सेवा के लिए तैयार रहूंगा। बैठक में बोलते हुए मौलाना लियाकत रजा ने बैठक के आयोजित करने के लिए खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आज यहां एकता का दृश्य है। सभी को एकजुट होकर शिया धर्मª की सेवा करनी चाहिए।
अंत में मौलाना सैफ अब्बास ने पांच सदस्यीय समिति के नामो का एलान किया जिस में मौलाना सैयद सैफ अब्बास, मौलाना जहीर अहमद इफ्तिखारी, मौलाना डॉ0 यासूब अब्बास, मौलाना डॉ0 कल्बे सिबतैन नूरी, मौलाना गुलाम हुसैन सदफ।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले उलेमा में डॉ0 मुहम्मद रजा साहब, मौलाना एजाज अतहर, मौलाना मुशिर हुसैन, मौलाना मासूम रजा, मौलाना अफजाल अब्बास, मौलाना फसीह हैदर, मौलाना इनतेजाम हैदर, मौलाना शबीहुल हसन, मौलाना सोहेल अब्बास, मौलाना रहबर, मौलाना रजी हैदर, मौलाना कमर उल हसन, मौलाना वजीर हसन जैनबी, मौलाना हुसैन मेहदी, मौलाना शफीक अब्बदी, मौलाना सकलैन हैदर, मौलाना मुत्तकी जैदी, मौलाना शरण नकवी, मौलाना हसन जाफर, मौलाना तसनीम अब्बास, मौलाना नफीस अख्तर, मौलाना नईम अब्बस, मौलाना असगर, मौलाना जीशान हैदर, मौलाना नासिर अब्बास, आदि मौजूद थे।
