गन्दगी के बीच जीवन यापन करने को मजबूर है वार्ड वासी
लखनऊ। बदलते मौसम के बीच इन दिनो लखनऊ शहर के बाशिन्दे डंेगू बुखार की चपेट मे है डेंगू बुखार से ीड़ित एक नही बल्कि अनेक लोग अस्पतालो मे भर्ती है। डेंगू बुखार का करण गन्दगी भी मानी जाती है लेकिन इस सबके बावजूद पुराने लखनऊ के कुछ मोहल्ले ऐसे है जहंा गन्दगी का बोलबाला है नालिया गन्दगी से पटी पड़ी हुई है जगह जगह कूड़े के ढेर लगे हुए है । गन्दगी के कारण मच्छरो का प्रकोप भी अपनी चरम सीमा तक पहुॅच चुका है बावजूद इसके नगर निगम अपनी आॅखे नही खोल रहा है। बजबजाती नालियो और कूड़े के ढेर की कुछ तस्वीरे पुराने लखनऊ के कशमीरी मोहल्ला वार्ड़ के कुछ मोहल्ले से आई है जिन्हे देख कर पहली नज़र मे प्रतीत होगा कि ये मोहल्ला प्रदेश की राजधानी का न होकर शायद ग्रामीण क्षेत्र का है। लखनऊ नगर निगम अन्र्तगत आने वाले कशमीरी मोहल्ला वार्ड नम्बर 103 के मोहल्ला टिकरी खुर्द मोहल्ला खरियाही पुराना चबुतरा के रहने वाले हज़ारो लोग नालियों मे बजबजाती हुई गन्दगी और कूड़े के ढेरो से परेशान है। यहंा रहने वाले गुफ्रान चाौधर का कहना है कि गन्दगी का आलम ये है कि नालियां गन्दगी से पूरी तरह से भरी हुई है । घनी बस्ती के बीच एक नही बल्कि अनेक कूड़े के ढेर लगे हुए है उनका कहना है कि नगर निगम मे शिकायत के बावजूद नगर निगम के सफाई कर्मी यहंा इस मोहल्लो मे नज़र नही आते है उन्होने बताया कि इसी सप्ताह जोन 6 की जोनल अधिकारी महोदया ने खुद इन मोहल्लो का दौरा किया और उन्होने मोहल्ले मे भीषण गन्दगी अपनी नज़रो से देख कर बाकायादा अपने मोबाईल से फोटो भी खींचे मोहल्ला वासियो को सफाई कराने का आश्वासन देकर जोनल अधिकारी महोदया चली गई लेकिन सफाई कर्मचारी आज तक मोहल्ले मे नज़र नही आए। गुफ्रान चाौधरी का कहना है कि मोहल्ले मे फैली गन्दगी के कारण यहंा मच्छरो का प्रकोप भी बढ़ गया है लोगो को बीमारी का खतरा सता रहा है। इस मेहल्ले के रहने वाले रिंकू यादव, गंगा यादव, देव चरन मिश्रा सलीम इस्लाम अली राजू और अप्पू का भी यही कहना है कि हमारे मोहल्लो मे फैली जन समस्याओ की सुध न तो नगर निगम ही लेता है और न ही पार्षद महोदय ही जनता से जुड़ी समस्याओ पर कोई विशेष ध्यान दे रहे है। गन्दगी के बीच जीवन यापन कर रहे आक्रोषित लोगो का कहना था कि चुनाव के समय नेता आते है लुभावने वादे करते है और जनता का वोट लेकर जनता को ही भूल जाते है ये बहोत ही दुखद है । नाराज़ जनता का कहना था कि हमारे इस गन्दगी से भरे मोहल्लो मे ज़िम्मेदार अधिकारियो और नेताओ को आकर कुछ दिन आम नागरिको की तरह से जिन्दगी गुज़ार कर देखना चाहिए की कागजो पर स्वच्छ भारत अभियान चलाने का दावा करने से भारत स्वच्छ नही होता है बल्कि भारत को स्वच्छ बनाने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने की ज़रूरत है। कशमीरी मोहल्ला ार्ड मे रहने वाले लोगो ने पार्षद पर जन समस्याओ को नज़र अन्जाज़ करने का आरोप लगाया है। इस सम्बन्ध मे कशमीरी मोहल्ला वार्ड के पार्षद लईक आगा से भी उनका पक्ष जानने के लिए उन्हे काल की गई लेकिन पार्षद महोदय ने काल ही रिसीव नही की।
जाम के झाम से जनता परेशान जिम्मेदार खामोश
ल्खनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पुराने लखनऊ मे यातायात जाम की हालत दिन पे दिन बद से बदतर होती जा रही है लेकिन यातायात जाम से निजात दिलाने के लिए न तो यातायात पुलिस ही कोई ठोंस कार्यवाही कर रही है और न ही स्थानीय पुलिस यहां तक नगर निगम भी यातायात जाम वाले रास्तो पर अतिक्रमण हटाने मे अभी तक फिसड्डी ही साबित हुआ है। पुराने लखनऊ मे ब्रिज निर्माण के कारण इन दिनो यातायात व्यवस्थाा तो पूरी तरह से चर्मरा गई है। चैक से बालाजी तक रास्ते पर हो रहे ब्रिज निर्माण की वजह से करीब एक वर्ष से इस रास्ते से गुज़रने वाले लोग परेशानियो का समाना कर रहे है। इस सड़क से हट कर अगर हम हरदोई रोड की बात करे तो दुबग्गा तिराहे से छन्दोईया तिराहे तक शायद ही कोई ऐसा मुबारक दिन हो जब इस रास्ते से गुज़रने वाले लोगो को घंटो यातायात जाम मे फंस कर परेशान न होना पड़ता हो। दुबग्गा तिराहे से छन्दोईया तिराहे तक दिन मे कई बार लगने वाले यातायात जाम मे आम वाहन तो फंसे ही रहते है साथ ही मरीज़ो को अस्पताल लेकर जाने वाली एम्बुलेन्स भी घंटो फंसी रहती है जबकि एम्बुलेन्स मे मौजद मरीज़ को एम्बुलेन्स का चालक हूटर बजाता हुआ लेकर अस्पताल की तरफ जाने के लिए आतुर रहता है ताकि उसकी जान बचाई जा सके लेकिन हूटर की आवाज़े यातायात जाम मे दब कर दम तोड़ देती है और हूटर की आवाज़े जाम पर कोई असर नही डाल पाती है। यातयात जाम में एम्बुलेन्स के फंसने का नज़ारा लगभग रोज़ ही देखा जाता है हालाकि एम्बुलेन्स के आगे पीछे के वाहनों मे बैठे लोग ये चाहते है कि एम्बुलेन्स को रास्ता दिया जाए लेकिन एम्बुलेन्स के आगे पीछे मौजूद वाहनो के चाहने से कुछ इस लिए नही हो सकता क्यूकि इस रास्ते पर यातायात के भारी दबाव के कारण बड़े छोटे वाहनो की लम्बी कतारे लगी रहती है। कानपुर की तरफ से आने वाले भारी वाहन और सीतापुर की तरफ से आने वाले भारी वाहनो की वजह से छन्दोईया तिराहे और दुबाग्गा तिराहे पर जाम लगता है हालाकि ऐसा नही है कि पुलिस यातायात जाम को ख्ुालवाने के लिए मशक्कत नही करते है पुलिस तो मेहनत करती है लेकिन सड़क के दोनो तरफ आड़े तिरछे खड़े वाहन भी यातायात जाम की बड़ी वजह बनते है और यातायात का भाारी दबाव भी जाम की समस्या को समाप्त नही होने देता है। इस रास्ते से गुज़र कर यातायात जाम मे फसं कर अक्सर परेशान होने वाले लोग इस रास्ते से दोबारा न गुज़रने के लिए प्रण लेते है लेकिन किसी के कोई प्रण लेने से कुछ नही होता है। यहंा यातायात जाम की समस्या से लोगो को निजात दिलाने के लिए ज़रूरी है कि इस रास्ते पर या तो ओवर ब्रिज का निर्माण हो या फिर यातायात पुलिस को यातायात जाम की समस्या को जड़ से समाप्त करने के लि कोई मज़बूत कार्य योजना बनाने की ज़रूरत है। इस सम्बन्ध मे बात करने के लिए एएसपी यातायात को काल की गई लेकिन उन्होने संवाददाता की काल ही रिसीव नही की।