कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए वैसे तो सामाजिक दूरी ज़रूरी है लेकिन सामाजिक दूरी के अलावा साफ सफाई और सेनेटाईज़ेशन भी ज़रूरी है। कोरोना वारियर्स के तौर पर अपनी जान को जाखिम मे डाल कर डाक्ॅटर , पुलिस कर्मी और सफाई कर्मी लगातार अपनी सेवाए दे रहे है। लाक डाउन के 30वें दिन भी नगर निगम कर्मियो ने गुडम्बा क्षेत्र सहित कई अन्य मोहल्लो और बाज़ारो मे बन्द दुकानो के बाहर सेनेटाईज़ेशन का काम बदस्तूर जारी रख्खा। हालाकि पुराने लखनऊ मे कई ऐसे मोहल्ले है जहां लाक डाउन के 30 दिन गुजर जाने के बाद भी सेनेटाईज़ेशन का काम
Day: April 23, 2020
लाक डाउन के 30 दिन पूरे आज भी दिखी शहर मे चहल पहल
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू किए गए लाक डाउन के आज 30 दिन पूरे हो गए लेकिन देश मे कोरोना वायरस के मरीज़ो की संख्या पर ब्रेक लगने की बजाए मरीज़ो की संख्या मे लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। घातक वायरस की रोकथाम के लिए एक मात्र उपाए सामाजिक दूरी के लिए 1 माह पूर्व लागू किए गए लाक डाउन के उलंघन की चिन्ता जनक खबरे लगभग रोज़ ही मिल रही है। वैसे लाक डाउन के उलंघन के लिए पुराना लखनऊ ज़्यादा बदनाम है लेकिन लाक डाउन के 30वें दिन पूरे शहर की सड़को पर कमोबेश
सोशल मीडया पर वायरस हुआ डीसीपी यातायात कार्यालय का आदेश पत्र पाया गया फर्ज़ी
गुरूवार की दोपहर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ लखनऊ के डीसीपी यातायात के कार्यालय की तरफ से कोरोना वायरस से बचाव के लिए लागू किए गए लाक डाउन की अवधि 25 अप्रैल से आगामी 3 मई तक सड़क पर चलने वाले वाहनो के लिए हरे लाल रंग के पास और आई कार्ड वाला आदेश पत्र को फर्ज़ी पाया गया है। गुरूवार की दोपहर व्हाटसएप के कई ग्रुपो पर दो पेज का आदेश पत्र वाईरल होने के बाद कमिश्नर कार्यालय से आदेश के सम्बन्ध मे सफाई देते हुए कहा गया कि सोशल मीडिया पर डीसीपी यातायात कार्यालय से सम्बन्धित जो आदेश
अस्थाई जेल से हटाए गए 23 विदेशी नागरिक
लखनऊ। सआदतगंज के कशमीरी मोहल्ला मे स्थित नगर निगम के म्युनिस्पिल गलर्स इन्टर कालेज को अस्थाई जेल बना कर उसमे चार दिन पूर्व रख्खे गए 23 बंगलादेशी नागरिको को बीती देर रात चिन्हट स्थित राम स्वरूप कालेज मे शिफ्ट कर दिया गया है। म्युनिस्पिल गलर्स इन्टर कालेज मे 23 बंगलादेशी नागरिको को रख्खे जाने के बाद स्थानीय लोगो ने ऐतराज़ जताया था हालाकि म्युनिस्पिल गलर्स इन्टर कालेज मे बनाई गई अस्थाई जेल मे रख्खे गए सभी 23 बंगलादेशी नागरिक पूरी तरह से स्वथ्य थे बावजूद इसके स्थानीय लोगो मे ये गलत फहमी बैठ गई थी कि यहंा अस्थाई जेल मे