राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव मंगलवार को बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। मंदिर में दर्शन-पूजन किया। मंदिर से बाहर निकलते वक्त मीडिया से कहा कि मैं बाबा विश्वनाथ के दरबार जो कुछ मांगने आया हूं, यदि वह मिल गया तो फिर आऊंगा और तब बताऊंगा कि बाबा से मैंने क्या मांगा था।
तेजप्रताप ने अपने साथ आए कुछ समर्थकों को हिदायत कर रखी थी कि उनकी पहचान जाहिर न होने पाए। मंदिर में दर्शन पूजन के दौरान भी उन्होंने पहचान छिपाए रखने की पूरी कोशिश की लेकिन विश्वनाथ मंदिर से बाहर निकल कर अन्नपूर्णा मंदिर पहुंचने पर उन्हें वहां मौजूद कुछ मीडिया कर्मियों ने पहचान लिया।
मीडिया के सवालों पर पहले तो तेज प्रताप कुछ बोलने से बचते रहे। कहा, यहां दर्शन पूजन करने आया हूं, और कोई बात करना ठीक नहीं होगा। जब उनसे बिहार की राजनीति से जुड़े प्रश्न पूछे गए तो वह खुद को रोक नहीं सके। तेज प्रताप ने कहा कि बिहार में जो कुछ हो रहा है, वह किसी से छिपा नहीं है। जनता भी देख सही है कि सुशासन बाबू (नीतीश कुमार) कितना खेल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करके बहुत आनंद और शांति महसूस हो रही है। मैंने सुना है कि बाबा विश्वनाथ विश्वेश्वर के प्रतीक हैं। महादेव का यह स्वरूप ज्ञान प्रदान करने वाला है। बिहार के कुछ चर्चित राजनेतओं को भी बाबा के दरबार में आना चाहिए। तेज प्रताप ने पहले बाबा के दरबार में षोडषोपचार विधि से पूजन-अर्चन किया। फिर अन्नपूर्णा मंदिर में दर्शन-पूजन किया।