दिल्ली के कनॉट प्लेस के पास बाराखंबा स्थित फायर स्टेशन का 300 फीट ऊंचा कम्युनिकेशन टावर प्रदर्शनकारियों की नई पसंद बन चुका है, जिसका इस्तेमाल वे अपनी मांगें सरकार तक पहुंचाने के लिए करते हैं। लेकिन उनकी ये पसंद बचाव कर्मियों के लिए आफत बन चुकी है। फायर सर्विस हेल्पलाइन के मुताबिक इस साल पिछले पांच महीनों (मार्च से जुलाई तक) में दिल्ली फायर सर्विसेज ने 8 लोगों को इस टावर से सुरक्षित बचाया है। ये प्रदर्शनकारी टावर पर प्लेकार्ड और बैनर लिए चढ़ गए थे, जिसपर उनकी मांगें लिखी हुई थी और मांग पूरी ना करने पर आत्महत्या की धमकी दे रहे थे।
पिछले महीने दो अलग-अलग मामलों में बचाव कर्मियों ने कम्युनिकेशन टावर से दो व्यक्तियों को सुरक्षित बचाया। 27 जुलाई को उमेश रेड्डी नाम का एक व्यक्ति आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग के साथ टावर पर 120 फीट तक चढ़ गया था। अग्निशमन के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, टावर के फायर स्टेशन में मौजूद होने की वजह से हमारे कुछ साथियों ने व्यक्ति को टावर पर चढ़ते हुए देख लिया था, जिसके बाद हमने पुलिस को सूचित किया और उसे रोक लिया गया।
इससे पहले जुलाई महीने की शुरुआत में महीपाल सिंह गुर्जर नाम का एक और व्यक्ति राजस्थान में गुर्जरों को आरक्षण देने की मांग लेकर टावर पर चढ़ने लगा था। इसे भी टावर के बिल्कुल ऊपर पहुंचने से पहले रोक लिया गया था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इन लोगों ने पूछताछ के दौरान बताया कि वे अपनी मांग को सरकार तक पहुंचाने के लिए कुछ नया तरीका अपनाना चाहते थे। वहीं अग्निशमन कर्मियों ने बताया कि, सभी प्रदर्शनकारी सिर्फ राजनैतिक मांगों को लेकर इस टावर पर चढ़ने की कोशिश नहीं करते हैं, बल्कि कई बार उनकी मांगे अजीबोगरीब भी होती हैं।
इस साल मार्च में 40 वर्षीय एक व्यक्ति टावर पर चढ़कर अपनी पत्नी द्वारा कथित रूप से अत्याचार करने के लिए उसे गिरफ्तार करने की मांग कर रहा था। अग्निशमन प्रमुख जीसी मिश्रा ने कहा कि विभाग ऐसी सभी घटनाओं से निपटने के लिए तैयार है, मगर कई बार हालात मुश्किल हो जाते हैं क्योंकि एक गलत कदम प्रदर्शनकारियों की जिंदगी जोखिम में डाल सकता है। उन्होंने आगे कहा कि, जब शहर में प्रदर्शन करने के लिए दूसरी जगह उपलब्ध हैं तो उन्हें अपनी जान जोखिम में डालने की क्या जरुरत है।