देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में खेल का पीरियड अनिवार्य किया जाएगा। अगले साल से स्कूल पाठ्यक्रम में 50 फीसदी की कमी होने के बाद इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही।
राठौड़ ने कहा, हम ऐसे मंच पर आए हैं जहां खेल शिक्षा का हिस्सा नहीं है, यह शिक्षा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय यह सुनिश्चित कर रहा है कि 2019 तक स्कूलों में पाठ्यक्रम 50 प्रतिशत कम कर दिया जाए और तब खेलों का पीरियड नियमित आधार पर होगा। उन्होंने कहा, हम यह भी तय करेंगे कि स्पोर्ट्स इंडिया 2022 तक अपने कर्मचारियों की संख्या आधी कर दे ताकि खेलों पर अधिक पैसा खर्च किया जा सके।
उन्होंने कहा, इस साल हमारे पास खेलों की विशेषज्ञता वाले 20 स्कूल होंगे और सरकार उनमें से प्रत्येक पर सात से दस करोड़ रुपये खर्च करेगी। हमारी योजना प्रत्येक स्कूल में दो या तीन मुख्य खेल रखने की है। ऐसे में उनका पूरा ध्यान उन्हीं खेलों पर केंद्रित होगा।
एनसीईआरटी को मिला है पाठ्यक्रम घटाने का जिम्मा
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अगले साल से स्कूलों में पाठ्यक्रम को घटाकर आधा करने की जिम्मेदारी एनसीईआरटी को सौंपी है। एनसीईआरटी ने हाल ही में इसके लिए लोगों से सुझाव भी मंगाए थे। सूत्रों की मानें तो एनसीईआरटी इसके लिए गैर-जरूरी विषयों को हटाने से लेकर सभी विषयों को मिलाकर प्रत्येक तीन महीने के लिए एक किताब बनाने जैसे प्रस्तावों पर विचार कर रहा है।