पाकिस्तान में हुए आम चुनाव के नतीजों में क्रिकेट से राजनेता बने इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) को सबसे अधिक सीटें मिली हैं। लेकिन पार्टी बहुमत से पीछे रह गई। ऐसे में अगली सरकार बनाने के लिए छोटे दलों या फिर निर्दलीयों के समर्थन की जरूरत होगी।
इस चुनाव में पीटीआई को 270 में 115 सीटों पर जीत मिली। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएलएन) को 63 सीटें और पीपीपी को 43 सीटों पर जीत मिली। वहीं, चुनाव आयोग के अनुसार, 261 सीटों के नतीजों की घोषणा हो गई है, जिसमें से निर्दलीयों को 12 सीटों पर जीत मिली है।
जमात-ए-इस्लामी जैसे पारंपरिक धार्मिक दलों के गठबंधन मुताहिद्दा मजलिस-ए-अमल (एमएमए) ने 12 सीटों पर कब्जा किया है, जबकि पंजाब प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री पर्वेज इल्हानी की पाकिस्तान मुस्लिम लीग को पांच सीटों पर जीत मिली है।
वहीं, इस चुनाव में हाफिज सईद की पार्टी अल्लाहू-अकबर तहरीक पार्टी को एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई। इसके अलावा अहल-ए-सुन्नत वल जमात के भी सभी उम्मीदवारों की हार हुई है। 65 वर्षीय पीटीआई चेयरमैन इमरान खान सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत के 137 सीटों के आंकड़ों से पीछे रह रहे हैं। ऐसे में वह गठबंधन की सरकार बना सकते हैं।
सेवानिवृत्त जनरल और विश्लेषक तालत मसूद कहते हैं कि (गठबंधन बनाने) ऐसा करने में कोई समस्या नहीं होगी… निर्दलीय जानते हैं कि इस्टैब्लिशमेंट इमरान खान की ओर झुका हुआ है। बता दें कि पाकिस्तान में सेना के लिए इस्टैब्लिशमेंट का इस्तेमाल सेना के लिए किया जाता है।
पीटीआई नेता नईमुल हक ने शुक्रवार को मीडियो से बताया कि उनकी पार्टी सरकार बनाने जा रही है। हक ने कहा कि खान ने विभिन्न पार्टी नेताओं से गठबंधन बनाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेतृत्व से संपर्क करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व से संपर्क को लेकर अवगत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हमारी उनके साथ किसी भी तरह की अंडरस्टैंडिंग हो सकेगी।
वहीं, पीएमएल-एन ने आरोप लगाया है कि एक अभियान के बाद चुनाव खराब हो गया था जिसमें पाकिस्तान की आर्मी को खान के पक्ष में बताया गया। हालांकि, शुक्रवार को पीएमएल-एन यह स्वीकार करती हुई दिखी कि इमरान खान ही अगले प्रधानमंत्री होंगे।
पाक अखबार के अनुसार, नेता हमज़ा शरीफ ने कहा कि हम लोग विपक्ष में बैठने जा रहे हैं। (पीएमएल-एन) एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगा वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने खुद कहा था कि चुनाव एक तरह से चोरी कर लिए गए हैं। ऐसे में नतीजे देश की राजनीति में बुरा प्रभाव डालेंगे। यह जानकारी अदियाला जेल में जाकर नवाज शरीफ से मुलाकात करने वाले उनकी पार्टी के नेताओं के हवाले से है।
यूरोपीय संघ (ईयू) ने शुक्रवार को कहा कि यह चुनाव एक स्तर के खेल मैदान पर लड़ा नहीं गया था। ईयू चुनाव निरीक्षण मिशन ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा कि अभियान में समानता की कमी थी। यूरोपीय संघ के चीफ ऑबसर्वर माइकल गहलर ने एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में बताया कि हमने निष्कर्ष निकाला है कि समानता और अवसर की कमी थी।
वहीं, इमरान खान ने गुरुवार को जीत के बाद दिए गए अपने भाषण में वोट-रिगिंग के विपक्षी दावों की जांच करने की पेशकश की और कहा कि वह देश को उनके नेतृत्व में एकजुट करना चाहते हैं। उन्होंने भारत पाक रिश्तों को लेकर भी बातें की।
विश्लेषक आयशा सिद्दीका कहती हैं कि खान की जीत के पीछे संदेह करते हैं, वे पाक के बढ़ती मध्यम वर्ग को सही से महसूस नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि यह मध्यम वर्ग की क्रांति है। याद रखें कि ये लोग पाक को नए नेतृत्व की आवश्यकता के नैरेटिव पर बड़े हुए हैं। ऐसे में हम यह सब नहीं देख सके कि एक और पाकिस्तान है जो बदलाव को चाहता था।
गुरुवार को इमरान खान ने भ्रष्टाचार पर कहा था कि यह एक तरह का कैंसर है जो हमारे देश को खा रहा है। वह इससे निपटेंगे। इसके साथ ही खान ने अमेरिका से बैंलेस रिश्ते बनाने की कोशिश करेंगे जोकि दोनों देशों के लिए बेहतर होगा। वहीं, भारत से कश्मीर मसले को हल करने के लिए भी बातचीत के लिए बैठेने की कोशिश करेंगे।
इसके अलावा इमरान खान की पार्टी पाक के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में भी जीत हासिल करने में कामयाब रही है। कई अखबार और स्थानीय मीडिया ने रिपोर्ट किया है कि पीएमएल-एन तीन दशकों तक शरीफ परिवार का एक तरह से गढ़ रहे पंजाब प्रांत में सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो सकती है।