सेना के साये में मतदान आज, 1500 से ज्यादा ‘आतंकी’ भी मैदान में

सेना के साये में मतदान आज, 1500 से ज्यादा ‘आतंकी’ भी मैदान में

पाकिस्तान में बुधवार को 10.59 करोड़ से ज्यादा मतदाता आम चुनावों में मतदान कर देश का भविष्य तय करेंगे। सेना के साये में हो रहे चुनावों में इस बार 1500 से ज्यादा ऐसे उम्मीदवार भी हैं, जिनका संबंध आतंकी या कट्टरपंथी संगठनों से है। इनमें मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद का बेटा हाफिज तल्हा सईद और दामाद हाफिज खालिद वलीद भी शामिल है।

इस बार सीधा मुकाबला पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के बीच है। हालांकि नवाज शरीफ के जेल चले जाने के चलते इमरान खान का पलड़ा भारी है। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि पूर्व क्रिकेटर इमरान को आईएसआई और सेना का भी समर्थन हासिल है। पूर्व में सत्ता में रह चुकी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) से कोई खास उम्मीदें नहीं हैं। हालांकि मुख्य चुनाव आयुक्त न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) सरदार मुहम्मद रजा ने आश्वासन दिया कि आयोग स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव कराए जाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। मगर चुनावों में सेना के दखल की बातें लगातार उठ रही हैं।

‘छद्म’ पार्टियों के सहारे चुनाव लड़ रहे 
जमात-उद-दावा : -260 कुल उम्मीदवारों ने ‘अल्ला-हु-अकबर’ पार्टी से पंजीकरण कराया
अहले सुन्नत वल जमात : -150 उम्मीदवार ‘राहे-ए-हक’ के झंडे तले या निदर्लीय चुनाव लड़ रहे
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान : 566 प्रत्याशी टीएलपी के बैनर तले चुनाव लड़ रहे
मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल : 595 उम्मीदवार दो पार्टियों के निशान पर चुनाव लड़ रहे

प्रमुख मुद्दे 
अर्थव्यवस्था व विकास :
फेक न्यूज :
धार्मिक अधिकार :
नवाज शरीफ
सेना का दखल

प्रमुख चेहरे 
शाहबाज शरीफ
-नवाज शरीफ के भाई शाहबाज पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इस बार डेरा गाजी खान से प्रत्याशी

इमरान खान 
-पीटीआई प्रमुख 5 सीटों पर एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं

आसिफ अली जरदारी और बिलावल भुट्टो जरदारी 
-पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पति आसिफ अली जरदारी 1993 के बाद पहली बार चुनाव लड़ रहे
-उनके बेटे व पीपीपी के चेयरमैन बिलावल दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं

चौधरी निसार अली खान 
-कभी नवाज के करीबी रहे निसार निदर्लीय चुनाव लड़ रहे हैं
-सेना के करीबी निसार किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं

पाकिस्तान चुनावः किस क्षेत्र में कितनी सीट 

कुल वोटर : 10,59,55,407, महिला : 4,67,31,145, पुरुष : 5,92,24,262
कुल सीट : 342, मतदान वाली सीट :  272, बहुमत के लिए जरूरी सीट : 137,
आरक्षित : 70 (10 अल्पसंख्यक, 60 महिला) : अप्रत्यक्ष चुनाव के जरिए इनका चयन
प्रांतीय सीट : 577

बलूचिस्तान : 
नेशनल असेंबली : 16 सीट, प्रांतीय सीट : 51
-एक भी सीट नहीं मिली थी प्रमुख पार्टियों को 2013 में यहां
-19 प्रांतीय सीटों पर भी स्वतंत्र उम्मीदवारों का कब्जा

पंजाब : 
नेशनल असेंबली : 141 सीट, प्रांतीय सीट : 297
-118 सीट जीती थीं नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन ने यहां से
-240 प्रांतीय सीट भी जीती थीं पीएमएल-एन ने पिछली बार

सिंध : 
नेशनल असेंबली : 61 सीट, प्रांतीय सीट : 130
-30 सीट नेशनल असेंबली की खातें में आई थी पीपीपी के
-69 प्रांतीय सीट पीपीपी ने और 39 सीटें एमक्यूएम ने जीती थीं

फाटा 
नेशनल असेंबली : 12 सीट
-2-2 सीटों पर जीत हासिल की पीएमएल-एन और पीटीआई ने पिछली बार

इस्लामाबाद : 
नेशनल असेंबली : 03 सीट
-1-1 सीट पीएमएल-एन व पीटीआई के खाते में

खैबर पख्तूनख्वा 
नेशनल असेंबली : 39 सीट, प्रांतीय सीट  : 99
-17 सीटों के साथ शीर्ष पर रही पीटीआई 2013 में
-34 प्रांतीय सीट जीती थीं पीटीआई ने

सुरक्षा के कड़े इंतजाम 
3,70,000 जवान तैनात किए पाक सेना ने
4,50,000 पुलिसकर्मी भी मतदान के दिन तैनात होंगे
16,00,000 चुनावकर्मी मतदान कराएंगे
170 लोग मारे जा चुके हैं चुनावी प्रचार के दौरान हुए हमलों
149 लोग मारे गए थे 13 जुलाई को आतंकी हमले में

कितने उम्मीदवार

3,765 कुल उम्मीदवार नेशनल असेंबली के लिए मैदान में
8,895 उम्मीदवार प्रांतीय असेंबली के लिए
85,307 मतदान केंद्र देश भर में

अल्पसंख्यक वोटर 30 फीसदी बढ़े 
गैर मुस्लिम वोटर : 36,30,000, हिंदू मतदाता : 17,70,000, ईसाई वोटर : 16,40,000, सिख : 1,67,505

रिकॉर्ड महिलाएं मैदान में 
-171 सीटों पर किस्मत आजमा रहीं हैं महिलाएं
-पुरुष प्रधान कबायली इलाके से अली बेगम पहली उम्मीदवार
-13 ट्रांसजेंडर भी चुनाव लड़ रहे
-सुनीता परमार के रूप में पहली बार हिंदू महिला लड़ रही चुनाव

कुछ रोचक तथ्य 
-2013 में पहली बार पाकिस्तान में किसी निर्वाचित सरकार ने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया
-3 बार नवाज शरीफ को कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पद छोड़ना पड़ा
-एक भी प्रधानमंत्री पाकिस्तान में पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है अब तक
-3 बार सैन्य शासन लग चुका है पाक में, 1970 में पहली बार हुए थे चुनाव

भारत से अलग चुनावी प्रक्रिया 
-पाक में नेशनल और प्रांतीय असेंबली के लिए एक साथ चुनाव होते हैं
-मतदाता एक साथ दो वोट देंगे। पहला नेशनल असेंबली के लिए और दूसरा प्रांतीय असेंबली के लिए

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