आध्यात्मिक धर्मगुरु भय्यू जी महाराज का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा। इस दौरान उनके आवास पर लोगों की भीड़ लगी रही। लोग उनके अंतिम दर्शन को पहुंचे थे। वहां आए लोगों का रो-रोकर बुरा हाल था। बता दें कि मंगलवार को इंदौर में अपने आवास पर खुद को गोली मारकर भय्यू जी महाराज ने आत्महत्या कर ली थी। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची फोरेंसिक टीम ने सुसाइड नोट और खुदकुशी में प्रयुक्त हथियार को जब्त कर लिया। भय्यूजी महाराज का अंतिम संस्कार आज किया जाएगा लेकिन उससे पहले उनके आश्रम में अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर रखा जाएगा। अतिम संस्कार में सीएम शिवराज समेत कई वीआईपी शामिल होंगे।
आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज का पार्थिव शरीर इंदौर में उनके आश्रम पर सुबह 9 से दोपहर 12.30 बजे तक उनका अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद दोपहर 1 बजे विजय नगर स्थित सयाजी मुक्ति धाम पर अंतिम संस्कार होगा। भय्यूजी महाराज के अंतिम दर्शन के लिए प्रदेश सहित पूरे देश से वीवीआईपी और नेताओं के पहुंचने की उम्मीद है। इसे देखते हुए इंदौर पुलिस ने भय्यूजी महाराज के आश्रम के आस-पास की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।
सुसाइड नोट में बयां की जिंदगी की उलझन
इस बीच भय्यूजी महाराज का सुसाइड नोट भी सामने आया है, जिससे साफ पता चल रहा है कि भय्यूजी महाराज काफी तनाव में थे और शायद इसी वजह से उन्होंने खुदकुशी कर ली। नोट में अंग्रेजी में लिखा गया है, ‘किसी को वहां परिवार की देखभाल के लिए होना चाहिए। मैं जा रहा हूं… काफी तनावग्रस्त, परेशान था।’
पुलिस महानिरीक्षक मकरंद देवस्कर ने कहा है कि सूइसाइड नोट और पिस्टल को बरामद कर लिया गया है। सभी पहलुओं से मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ की जाएगी
सीएम शिवराज ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी, “संत भय्यूजी महाराज को सादर श्रद्धांजलि। देश ने संस्कृति, ज्ञान और सेवा की त्रिवेणी व्यक्तित्व को खो दिया। आपके विचार अनंत काल तक समाज को मानवता की सेवा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे।”
उदय सिंह देशमुख उर्फ भय्यूजी महाराज का सभी राजनीतिक दलों में दखल रहा है। उनका कांग्रेस और आरएसएस के लोगों से करीबी रिश्ते हैं। वह समाज के लिए लगातार तरह-तरह के कार्यक्रम चलाते रहे। वेश्याओं के 51 बच्चों को उन्होंने पिता के रूप में अपना नाम दिया था। पहली पत्नी माधवी के निधन के बाद पिछले साल 49 वर्ष की उम्र में उन्होंने गवालियर की डॉ. आयुषी के साथ दूसरी शादी की थी। हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें ‘राज्यमंत्री’ का दर्जा दिया था, मगर उन्होंने उसे ठुकरा दिया था।
भय्यूजी महाराज ने कांग्रेस के शासनकाल में वर्ष 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंचकर अन्ना हजारे का अनशन खत्म कराने में मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे से भी उनके अच्छे संबंध थे।
।