रुपया देखकर अच्छे अच्छों की नियत डोल जाती है मगर एक दो करोड़ नहीं, बल्कि तीन बार में 190 करोड़ रुपए की पेशकश होने के बाद भी बिटिया के पिता का ईमान आसाराम डिगा नहीं पाया। उनके पास 50 करोड़ रुपए का पहला प्रस्ताव 2013 में केस दर्ज होने के बाद ही आसाराम ने दुबई से एक व्यक्ति के जरिए भिजवाया था।
बिटिया के पिता ने बताया कि जैसे ही उन्होंने दिल्ली में आसाराम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई, वैसे ही उन पर केस वापसी के लिए दबाव पड़ना शुरू हो गया। इस बीच जब केस जोधपुर ट्रांसफर हुआ उसी दौरान उनके मोबाइल पर एक कॉल आई। इस कॉल को बिटिया के पिता के करीबी नीटू चौधरी ने पिक किया था। दूसरी ओर से कहा कि मैं बिटिया के पिता से बात करना चाहता हूं, तब बिटिया के पिता ने बात शुरू की। कॉल करने वाले ने कहा कि आप अपना बैंक अकाउंट नंबर दो, अभी उसमें 50 करोड़ रुपया ट्रांसफर करता हूं, इसके बाद आप केस को खत्म कराइए। बिटिया के पिता ने इतनी बात सुनकर फोन काट दिया था, इसके बाद कॉलर की दुबारा फोन करने की हिम्मत नहीं पड़ी। जिस नंबर से कॉल आई, वह नंबर दुबई का था। उस वक्त उस नंबर की पुलिस ने भी पड़ताल की थी।
इसके बाद दूसरी बार बिटिया के पिता के एक रिश्तेदार के पास आसाराम के गुर्गे पहुंच गए, उनसे कहा कि 50 करोड़ रुपया दिया जाएगा, बदले में केस खत्म कराना होगा, तब बिटिया के पिता के रिश्तेदार ने आसाराम के गुर्गों को दौड़ा लिया था। तीसरी बार आसाराम के गुर्गे बिटिया की नानी तक पहुंच गए। उनसे कहा कि 90 करोड़ रुपया देंगे और केस खत्म करा दो। उस वक्त बिटिया की नानी ने उन लोगों को दो टॅूक जवाब देकर वापस भेज दिया था।