प्रधानमंत्री नरेंद्र स्वीडन के स्टॉकहोम से अब यूनाइटेड किंगडम पहुंच गए हैं। वे मंगलवार की देर रात लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर पहुंचे। यूनाइटेड किंगडम के विदेश मामलों के सेक्रेटरी बोरिस जॉनसन ने उनका स्वागत किया। पीएम मोदी यहां 2021 के कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट मीटिंग (CHOGM) में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे आधिकारिक दौरे पर ब्रिटेन पहुंचे हैं। वह यहां ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगी। इसके बाद वे 19 और 20 अप्रैल को लंडन और विंडसर में CHOGM सत्र में भाग लेंगे।
पीएम मोदी 25 वें CHOGM में भाग लेंगे। वे पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे जो इसमें भाग लेंगे। इससे पहले 2011 और 2015 में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने इसमें भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वहीं 2013 में पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने इस मीटिंग में हिस्सा लिया था।
यूनाइटेड किंगडम के विदेश मामलों के सेक्रेटरी बोरिस जॉनसन ने कहा कि वह भारत तथा ब्रिटेन के बीच बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार को लेकर उत्साहित हैं और यह यात्रा ”वृहद आर्थिक लाभ का मार्ग निर्मित करने में सहायक होगी”।
जॉनसन ने एक बयान में कहा, ‘हमारे साझा इतिहास को धन्यवाद है, हमारे बीच जीता जागता सेतु है ….. और अब हम अतुल्य प्रौद्योगिकी क्षेत्र निर्मित करना चाहते हैं जहां भारत और ब्रिटेन एक साथ ऊंचाइयों को छू रहे हैं।’
मोदी का यहां अतिव्यस्त कार्यक्रम हैं। जिसमें सबसे पहले वह 10 डाउनिंग स्ट्रीट में प्रधानमंत्री टेरीजा मे के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इस दौरान दोनों के बीच अलगावाद, सीमा पार आतंकवाद, वीजा तथा आव्रजन सहित साझा हितों के अनेक मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। अवैध शरणार्थियों को वापस भेजने वाले वाले एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आधिकारिक तौर पर नवीनीकरण किया जाएगा इस एमओयू की अवधि 2014 को समाप्त हो गई थी।
ये है कार्यक्रम
दोपहर में पीएम नरेंद्र मोदी कर्नाटक मूल के संत बासवेश्वरा की प्रतिमा के पास जाएंगे और यहां प्रार्थना करेंगे। पीएम रिसर्च लाइब्रेरी का भी दौरा करेंगे और संयुक्त भारत-यूनाइटेड किंगडम समिट फोरम में भी भाग लेंगे। इस फोरम में दोनों देशों की सहयोगी परियोजनाओं का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद मोदी लंदन में साइंस म्यूजियम में आयोजित ‘5000 इयर्स ऑफ साइंस एंड इनोवेशन प्रदर्शनी में शिरकत करेंगे। इस दौरान वे भारतीय मूल के लोगों, वैज्ञानिकों और नवोन्मेषियों से बातचीत करेंगे। प्रिंस चार्ल्स की ओर से आयोजित कार्यक्रम में न्यू आयुर्वेदिक सेंटर फॉर एक्सिलेंस का उद्घाटन किया जाएगा। फिर वे कॉमनवेल्थ हेड्स के लिए यूनाइटेड किंगडम की प्रधानमंत्री मंत्री थेरेसा मे की ओर से आयोजित डिनर पार्टी में भाग लेंगे।
स्वीडन ने भारत की एनएसजी सदस्यता की मांग का समर्थन किया
इससे पहले स्वीडन में भारत की परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता की मांग का समर्थन करते हुए नई दिल्ली के वासेनार अरेंजमेंट एवं मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था समेत हाल में अंतरराष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था में शामिल होने का स्वागत किया। स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता के दौरान भारत को अपने देश का समर्थन देने की बात कही। स्वीडन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार और सुधार के बाद उसमें भारत की स्थायी सदस्यता का भी समर्थन किया। 48 सदस्य देशों वाले परमाणु समूह में भारत की सदस्यता का मुख्य रूप से चीन यह कहते हुए विरोध कर रहा है कि भारत ने अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किया है।
नॉर्डिक देशों के साथ मोदी ने द्विपक्षीय बैठकें की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नॉर्डिक देशों फिनलैंड, डेनमार्क, आइसलैंड और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। इन बैठकों में नॉर्डिक देशों के साथ व्यापार और निवेश एवं अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में संबंधों को आगे बढ़ाने पर विचार विमर्श किया गया। मोदी ने भारत-नॉर्डिक शिखर बैठक के मौके पर अलग से द्विपक्षीय बैठकें कीं।
दो साल में 1.1 अरब डॉलर का निवेश करेंगी कंपनियां
स्टॉकहोम सिटी हॉल में मोदी ने स्वीडन के शीर्ष उद्योगपतियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि मजबूत द्विपक्षीय संबंध दोनों देशों के लोगों के लिए बेहतर साबित होंगे। भारत में स्वीडन के व्यापार आयुक्त कार्सटन ग्रोनब्लैड ने कहा कि करीब 30 सीईओ या कंपनियों के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल हुए। स्वीडन की कंपनियों ने अगले दो साल में भारत में 1.1 अरब डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन साल के दौरान स्वीडन की कंपनियां पहले ही भारत में डेढ़ अरब डॉलर का निवेश कर चुकी हैं।
ब्रिटेन में मोदी का होगा विरोध प्रदर्शनों से सामना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन की यात्रा के दौरान यहां के पार्लियामेंट स्क्वायर में विभिन्न समूहों ने कई प्रदर्शन करने की योजना बनाई है जिनमें जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आठ साल की एक लड़की से बलात्कार एवं हत्या की घटना की निंदा की जाएगी। प्रदर्शन में एक मूक विरोध प्रदर्शन भी शामिल है। मूक प्रदर्शन का आयोजन ब्रिटेन के कुछ भारतीय महिला समूह कर रहे हैं।