दलित आंदोलन की आंच में नन्हे-मुन्ने स्कूली बच्चे भी नहीं बच सके। तेहरा के निकट स्थित माही इंटरनेशनल स्कूल में 35 बच्चे फंस गए हैं। ये सभी तीसरी से नवीं कक्षा तक के छात्र हैं। इनके साथ छह शिक्षक भी स्कूल में फंसे हुए हैं। स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को छात्रावास में ठहराया है। साथ ही उनके खाने का भी इंतजाम किया है।
दलित आंदोलन का सबसे ज्यादा असर मधु नगर से रोहता इलाके की ओर देखा गया। इसी से कुछ दूरी पर माही इंटरनेशनल स्कूल है। बवाल होने के बाद इस स्कूल के 50 बच्चे फंस गए। किसी तरह से 15 बच्चों को उनके घरों तक भिजवाया गया। उसके बाद 35 बच्चों को घर तक नहीं भेजा जा सका। ये सभी नगला पदमा, मधु नगर और आसपास के हैं। स्कूल के निदेशक संजय अग्रवाल ने बच्चों की पूरी देखरेख करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि स्कूल किसी तरह का कोई रिस्क नहीं ले सकता था। इसलिए इन सभी बच्चों और शिक्षकों को छात्रावास में ठहरा दिया गया है। स्कूल में कैंटीन भी है। वहीं इन लोगों के खाने की भी व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधन सभी बच्चों के माता-पिता के संपर्क में है। बच्चों की उनसे बात भी कराई गई।