रूस के पूर्व जासूस पर ब्रिटेन में हमला किए जाने के विवाद के बीच अमेरिका-रूस में तनाव और बढ़ता जा रहा है। रूस के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को ऐलान किया कि जल्द ही उनके देश से 60 अमेरिकी राजनयिकों को बाहर निकाला जाएगा और एक अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को बंद किया जाएगा।
रूस के विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव ने बताया कि पूर्व डबल एजेंट सर्गेई स्क्रीपाल पर हमले के विवाद में सेंट पीटर्सबर्ग स्थित अमेरिकी दूतावास को बंद किया जाएगा और उनके 60 राजनयिकों से देश से बाहर निकाला जाएगा। इस बाबत अमेरिकी राजनियकों को भी जरूरी सूचनाएं दे दी गई हैं। इससे पहले अमेरिका ने भी रूस के 60 राजनयिकों को बाहर निकलाने का आदेश दिया था।
शीत-युद्ध जैसे हालात पनप रहे
संयुक्त राष्ट्र महासभा के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने गुरुवार को चेताया कि पूर्व रूसी जासूस पर हमले के बाद उपजी परिस्थितियों से शीत युद्ध जैसे हालात पनप रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों से जिस तरह रूस के राजनयिकों को अपने यहां से निकाला और इसके जवाब में रूस ने भी कदम उठाए, उससे लगता है जैसे हम शीत युद्ध वाले माहौल में रह रहे हों। उन्होंने कहा कि अमेरिका के बाद नाटो और यूरोपीय देशों ने भी 150 से ज्यादा रूसी राजनयिकों को अपने देश से निकाला है।
अमेरिका ने निष्कासित किए थे 60 रूसी राजनयिक
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते सोमवार को 60 रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था और सिएटल स्थित रूसी दूतावास को बंद करने का भी आदेश दिया था। वहीं दूसरी ओर यूरोपीय संघ के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने कहा था कि ब्रिटेन के शहर सलिस्बरी में पूर्व जासूस पर नर्व एजेंट के हमले की समन्वित प्रतिक्रिया के रूप में यूरोपीय संघ के 14 देश रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर रहे हैं।
टस्क ने बुल्गारिया के वरना में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ”पिछले हफ्ते यूरोपीय परिषद ने फैसला लिया था कि रूस को वह साझा तरीके से प्रतिक्रिया देंगे, इसका पालन करते हुए 14 सदस्य देशों ने रूसी राजनयिकों को निष्कासित करने का फैसला किया।