भारतीय टीम के उभरते हुए युवा ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या भीमराव अंबेडकर को लेकर अपने बयान पर मुसीबत में पड़ गए हैं। इस मामले में बुधवार को जोधपुर की एक कोर्ट ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिया था। अब इस मामले में पांड्या खुद सामने आए हैं और उन्होंने अंबेडकर को सोशल मीडिया पर अपमानित करने की बात को नकार दिया है।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें संस्करण की तैयारियों में लगे पांड्या उस समय विवादों में फंस गए जब उनके नाम वाले एक फर्जी ट्विटर अकाउंट से अंबेडकर को आरक्षण नीति को लेकर बुरा-भला कहा गया। इसके बाद राजस्थान अदालत ने बुधवार को जोधपुर पुलिस को पांड्या के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा था।
पांड्या ने गुरुवार को एक बयान जारी कर इस विवाद में शामिल होने की बात को नकारा है। उन्होंने कहा, “मीडिया में आज कई गुमराह करने वाली खबरें चली हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मैंने एक ऐसी पोस्ट की है जिसमें बी.आर. अंबेडकर को बेइज्जत किया गया है। मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि इस तरह की कोई भी ट्वीट या बयान मैंने सोशल मीडिया या कहीं और जारी नहीं किया है।”
फर्जी अकाउंट से हुआ था ट्वीट
इस हरफनमौला खिलाड़ी ने कहा, “जो ट्वीट सवालों के घेर में है, जिसमें मेरा नाम और मेरी तस्वीर है, वो अकाउंट फर्जी है। मैं कोई भी आधिकारिक संवाद करने के लिए अपने वैरिफाइड ट्विटर अकाउंट का इस्तेमाल करता हूं।” उन्होंने कहा कि मेरे दिल में अंबेडकर, भारतीय संविधान और सभी सुमदायों के लिए काफी इज्जत है। मैं कभी इस तरह के विवाद में नहीं पड़ता जिसमें किसी समुदाय को निशाना बनाया जाए। इसके साथ ही पांड्या ने कहा कि मैं सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपने प्रशंसकों से जुड़ने के लिए करता हूं। पांड्या ने कहा कि वह कोर्ट से अपना नाम इस मामले से हटाने की अपील करेंगे।
कोर्ट को सबूत देंगे पांड्या
उन्होंने कहा, ‘इस बात को साबित करने कि यह ट्वीट फर्जी है और मैंने नहीं किया है, मैं अदालत में जरूरी सबूत उपलब्ध कराऊंगा। मैं इस मुद्दे को उठाउंगा कि मेरी पहचान लेकर एक जालसाज ने यह पोस्ट किया ताकि मेरी छवि को नुकसान पहुंचे, जो एक ऐसी समस्या है जिसका सामना आज के समय देश में कई जानी पहचानी शख्सियतों को लगातार करना पड़ रहा है।’