लखनऊ। उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने राज्य की पुलिसिंग व्यवस्था के लिहाज से एक अहम फैसला लेते हुए राजधानी लखनऊ और गौतमबुद्धनगर (नोएडा) जिले में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रिमंडल बैठक के बाद सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कैबिनेट के इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 50 वर्ष से उत्तर प्रदेश में ‘स्मार्ट पुलिसिंग के लिये पुलिस आयुक्त प्रणाली की मांग की जा रही थी। उन्होंने कहा कि काफी पहले से सोचा जा रहा था कि नगरीय आबादी के लिये यह प्रणाली लागू होनी चाहिये, मगर राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में इसे नजरअंदाज किया गया. सीएम योगी ने कहा कि मुझे खुशी है कि प्रदेश सरकार ने राज्य के इन दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने का फैसला किया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने संवाददाता सम्मेलन के बाद ट्वीट किया, उत्तर प्रदेश में केवल कुछ जगह पुलिस व्यवस्था बदलने से नहीं, बल्कि आपराधिक तत्वों के विरुद्ध दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सख्त कानूनी कार्रवाई करने से ही प्रदेश की बदहाल कानून-व्यवस्था में सही सुधार आ सकता है. सीएम योगी ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार लखनऊ की आबादी करीब 29 लाख थी जो अब बढ़कर करीब 40 लाख है. इसी प्रकार 2011 की जनसंख्या के मुताबिक गौतमबुद्धनगर की आबादी 16 लाख थी जो अब बढ़कर करीब 25 लाख हो गयी है. उन्होंने कहा कि लखनऊ और नोएडा दोनों ही जगहों पर अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारी पुलिस आयुक्त बनाये जाएंगे. इसके अलावा पुलिस महानिरीक्षक रैंक के दो-दो अधिकारी संयुक्त आयुक्त होंगे. उन्होंने बताया कि ‘स्मार्ट और सेफ सिटी के तहत इन दोनों जिलों में सीसीटीवी का जाल भी बिछाया जायेगा. इस आयुक्त प्रणाली के तहत लखनऊ शहर के 40 पुलिस स्टेशनों को इसमें शामिल किया गया है. यहां अपर महानिदेशक (एडीजी) स्तर का अधिकारी पुलिस आयुक्त बनाया जाएगा. इसके अलावा संयुक्त पुलिस आयुक्त के तौर पर पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) रैंक के अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा. इनकी मदद के लिए पुलिस अधीक्षक (एसपी) स्तर के नौ अधिकारियों, एसपी स्तर की एक महिला अधिकारी तथा एएसपी स्तर की एक महिला अधिकारी की तैनाती की जाएगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि महिला अधिकारी तैनात करने का उद्देश्य महिलाओं और बच्चियों के साथ होने वाले अपराधों पर नियंत्रण करना, महिलाओं को शीघ्र न्याय दिलाना और उनके साथ किये जाने वाले अपराधों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करना है. उन्होंने बताया कि देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले नोएडा में पुलिस आयुक्त पद पर एडीजी स्तर का अधिकारी, दो अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के तौर पर डीआईजी रैंक के पुलिस अधिकारी, पांच एसपी स्तर के अधिकारी, एक एसपी स्तर की महिला पुलिस अधिकारी तथा एसपी स्तर का एक अधिकारी यातायात पुलिस की व्यवस्था के लिये तैनात किया जायेगा. योगी ने बताया कि नोएडा में दो नये थाने बनाए जाने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने इन पुलिस आयुक्तों को मजिस्ट्रेट की शक्तियां देने को भी मंजूरी दी है और ये सभी अधिकारी एक टीम की तरह काम करेंगे. उन्होंने कहा कि पुलिस सुधार एवं पुलिस व्यवस्था के लिये यह महत्वपूर्ण कदम होगा. योगी ने अन्य बड़े शहरों में भी आयुक्त प्रणाली लागू करने की सम्भावना सम्बन्धी सवाल पर कहा कि प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था के लिये जो भी कदम उठाने होंगे, हम उठाएंगे
