लखनऊ। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में हुए पुलिस और वकीलों का विवाद तूल पकड़े हुए है। इस मामले का असर दूसरे राज्यों में भी देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में वकीलों और पुलिस के बीच मारपीट की घटना के विरोध में यूपी बार काउंसिल ने 8 नवंबर को प्रदेश भर में वकीलों के हड़ताल का ऐलान किया है। बार काउंसिल के आह्वान पर हाईकोर्ट से लेकर जिला अदालतों और दूसरे न्यायालयों के वकील न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए विरोध दिवस मनायेंगे। वकीलों ने तीस हजारी कोर्ट की घटना में घायल वकीलों को दस-दस लाख का मुआवजा, दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ 3 माह में जांच पूरी कर उन्हें दंडित किए जाने की भी मांग की है। इतना ही नहीं यूपी में हाल के दिनों में हुई वकीलों की हत्याओं को लेकर भी यूपी बार काउंसिल ने सरकार से आरोपियों की गिरफ्तारी और उचित कार्रवाई की मांग की है। यूपी बार काउंसिल ने वकीलों पर हो रहे हमले और हत्या की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार से अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम भी जल्द लागू किए जाने की मांग की है। इस बारे में यूपी बार काउंसिल के सदस्य और पूर्व अध्यक्ष अमरेन्द्र नाथ सिंह ने कहा है कि अधिवक्ताओं पर हो रहे हमले और उनकी हत्याओं को लेकर वकीलों में भारी आक्रोश है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह से पार्किंग की समस्या को लेकर दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच विवाद और मारपीट की घटना हुई है। इसी तरह की समस्या इलाहाबाद हाईकोर्ट और प्रदेश की अन्य जिला अदालतों में भी है। उन्होंने कहा कि अदालतों में आने वाले वादकारियों और वकीलों दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार को इस ओर तत्काल ध्यान देना चाहिए।
