लखनऊ। पुलिस ने शुक्रवार को ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गैंग का पर्दाफाश किया है। गैंग प्रशासनिक एवं न्यायिक अधिकारी बनकर लोगों को ठगता था। एसटीएफ समेत कई प्रदेशों की पुलिस इस गैग के पीछे पड़ी थी। क्राइम ब्रांच व तालकटोरा पुलिस की संयुक्त टीम ने इस गैंग के तीन ठगों को धर दबोचा है। ये ठग वरिष्ठ प्रशासनिक व न्यायिक अधिकारी बनकर संबंधित विभाग के जूनियर अधिकारी और ठेकेदारों को फोन कर उनसे रुपये जमा कराते थे। इसके लिए वे इंटरनेट पर प्रदर्शित नाम और नंबर का इस्तेमाल करते थे। इसी तरह उन्होंने यूपी पावर कारपोरेशन के चेयरमैन के नाम पर बिजली ठेकेदारों से 10 लाख की उगाही की थी। ये लोग यह कार्य कई सालों से करते आ रहे थे। इनकी तलाश बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, राजस्थान पुलिस और एसटीएफ कर रही थी। पुलिस ने बहुत ही सूझबूझ के साथ इन ठगों को ट्रैक किया और शुक्रवार को इन्हें गिरफ्तार करने में कामयाब रही है। इनके पास से 20 हजार की नकदी, चार मोबाइल, फर्जी वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड और एचडीएफसी का एटीएम कार्ड बरामद किया गया है। पकड़े गए आरोपियों के नाम सत्यदेव उर्फ पिंटू बाबू, राम कुमार उर्फ रामू और प्रशांत कुमार उर्फ मिट्ठू हैं। यह सभी बिहार के मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के ही रहने वाले हैं। बता दें, इनको गिरफ्तार करने के लिए अलग-अलग टीमें गठित की गईं थीं। आरोपियों को दबोचने में क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अखिलेश पांडेय, इंस्पेक्टर अंजनी कुमार पांडेय और साइबर क्राइम सेल के कांस्टेबल अखिलेश कुमार की अहम भूमिका रही। गिरफ्तार करने वाली टीम को एसएसपी लखनऊ ने 25 हजार रुपये के पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की है।