उत्तर कोरिया के साथ कोई भी समझौता संसद की निगरानी में ही होगा

उत्तर कोरिया के साथ कोई भी समझौता संसद की निगरानी में ही होगा

उत्तर कोरिया नेता किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच आज सिंगापुर में मुलाकात हुई। दोनों के बीच ये ऐतिहासिक मुलाकात सफल रही है। अब उम्मीद की जारी है कि दोनों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। अमेरिका में विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी के शीर्ष छह सांसदों ने मांग की है कि उत्तर कोरिया के साथ कोई भी संभावित समझौता कांग्रेस की मंजूरी और उसकी निगरानी में ही हो।

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक नेतृत्व ने एक बयान में कहा कि आने वाले समय में भले ही जो हो लेकिन प्रशासन को उत्तर कोरिया पर कांग्रेस से सलाह मश्विरा करना चाहिए। कोई भी संभावित समझौता कांग्रेस की निगरानी में ही हो। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ईरान परमाणु समझौते पर मजबूत निगरानी की मांग की थी और वे उत्तर कोरिया के संबंध में भी ऐसी ही मांग करते हैं। तब डेमोक्रेटिक ओबामा प्रशासन ने कांग्रेस को नजरअंदाज कर दिया था।

डेमोक्रेटिक सांसदों के अनुसार, अमेरिका-उत्तर कोरिया शिखर वार्ता अधिक सुरक्षित, स्थिर कोरियाई प्रायद्वीप बनाने और एशिया में अमेरिकी नेतृत्व की क्षमताओं को साबित करने का ऐतिहासिक अवसर है। बात दें कि ये मुलाकात इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि 1950-53 में हुए कोरियाई युद्ध के बाद से अब तक अमेरिका और उत्तर कोरिया के नेता कभी नहीं मिले और न ही फोन पर बात की है। ट्रंप और किम सेंटोसा द्वीप के कैपेला रिजॉर्ट में वार्ता के लिए रविवार को ही सिंगापुर पहुंच गए थे। इस बैठक के सिंगापुर की सरकार ने भारी सुरक्षा के इंतजाम कर रखे हैं।

 

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