बांदा। जिले में पिछले माह केन व यमुना नदी की बाढ़ से पैलानी व बबेरू तहसील के 20,166 किसानों की 12,209 हेक्टेअर खरीफ फसल बर्बाद हो गई। 85 कच्चे मकान जमींदोज हो गए और डेढ़ सौ मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। ये आंकड़े अपने सर्वे के आधार पर प्रशासन ने शासन को भेजे हैं। साथ ही प्रभावित किसानों को मुआवजे के लिए 8 करोड़ 32 लाख कृषि अनुदान मांगा है। जिले में बाढ़ का सर्वाधिक असर पैलानी तहसील में रहा। सर्वे के मुताबिक यहां पर दो हेक्टेअर से कम वाले 12,567 लघु-सीमांत किसानों की 5884 हेक्टेअर और 2499 वृहद किसानों की 3063 हेक्टेअर में खड़ी तिल, मूंग, उर्द, बाजरा, ज्वार और अरहर की फसल डूबकर खराब हो गई। 55 कच्चे मकान जमींदोज हो गए और सौ से अधिक मकानों को आंशिक क्षति पहुंची। इसी प्रकार बबेरू तहसील में 4000 लघु-सीमांत किसानों की 2544 हेक्टेअर व 1100 किसानों की 758 हेक्टेअर की फसल नष्ट हो गई। 40 कच्चे मकान ध्वस्त हो गए। 50 से अधिक मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है। एडीएम संतोष बहादुर सिंह ने बताया कि दोनों तहसीलों में राजस्व अधिकारियों ने सर्वे कर क्षतिपूर्ति रिपोर्ट उपलब्ध कराई है। उसे शासन को भेज दिया गया है। इसमें पैलानी तहसील के लघु-सीमांत किसानो के लिए 4 करोड़ 10 लाख व वृहद किसानों के लिए 2 करोड़ 20 लाख और बबेरू में लघु-सीमांत किसानों के लिए 1 करोड़ 62 लाख व वृहद किसानों के लिए 67 लाख कृषि अनुदान की मांग की गई है। दोनों तहसीलों के किसानों के लिए शासन से 8 करोड़ 32 लाख 93 हजार लाख की मांग की गई है।