राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि शाश्वत विचारधारा हैं। आइए बापू की 149वीं जयंती पर जानें कि उनके कौन पांच जीवन सूत्र अपनाकर हम अपनी जिंदगी बदल सकते हैं।
1- सत्य और अहिंसा
बापू वाणी : सत्य मेरा ईश्वर है और अहिंसा उसे महसूस करने का जरिया।
यूं अपनाएं : अलोकप्रिय होने के डर से झूठ न बोलें, योग करें ताकि गुस्से पर काबू रहे।
फायदा : हार्ट अटैक, डिप्रेशन का खतरा कम होता है। सत्य बोलने से आत्मविश्वास बढ़ता है।
स्त्रोत – हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
2- स्वअनुशासन
बापू वाणी : अनुशासन का पलन किए बिना कोई बड़ी वस्तु नहीं हासिल की जा सकती।
यूं अपनाएं : सोने-जागने, खाने-पीने और व्यायाम का समय निर्धारित कर अमल करें।
फायदा: कार्यक्षमता, एकाग्रता और उत्पादकता पर दिखाता सकारात्मक असर
स्त्रोत – रश यूनिवर्सिटी
3- सकारात्मक सोच
बापू वाणी : कर्म करना जरूरी है, न कि फल के बारे में सोचना, बशर्ते आप सही कर रहे हों।
यूं अपनाएं : असफलता के डर से नई चीजें आजमाने से न बचें, नकारात्मक बातें न करें।
फायदा: ऐसा करने आपकी रचनात्मकता बढ़ती है और ‘स्ट्रेस हार्मोन’ का स्तर घटता है
स्त्रोत – कॉनकॉर्डिया यूनिवर्सिटी
4- स्वच्छता
बापू वाणी : सफाई राजनीतिक आजादी से ज्यादा जरूरी है।
यूं अपनाएं : कचरा उचित स्थान पर फेंकें, प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करें
फायदा : आस-पास सफाई रखने से अच्छी नींद तो आती ही है, कई बीमारियों से भी हम बच जाते हैं।
स्त्रोत – प्रिंसटन यूनिवर्सिटी
5- सीखने की ललक
बापू वाणी : जियो ऐसे कि जिंदगी का आखिरी दिन है। सीखो ऐसे कि ताउम्र जीना है।
यूं अपनाएं : आसपास के लोगों के अच्छे गुणों और हुनर की पहचान कर, उन्हें अपनाएं।
फायदा : नया सीखने की ललक को मस्तिष्क के लिए सर्वाधिक फायदेमंद व्यायाम माना गया है।
स्त्रोत – साइकोलॉजिकल साइंस जर्नल