देश की राजधानी दिल्ली में इस समय जो मेट्रो और फ्लाईओवर का जाल बिछा है, उसमें पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। दिल्ली में जब मेट्रो शुरू हुई थी, अटल जी उसमें सफर करने वाले पहले यात्री थे। उनकी सादगी का आलम यह था कि प्रधानमंत्री होते हुए भी उन्होंने टिकट (टोकन) खरीदकर रेड लाइन पर शाहदरा से तीस हजारी के बीच यात्रा की थी। इतना ही नहीं, मेट्रो का पहला स्मार्ट कार्ड बनवाने वाले शख्स भी वाजपेयी ही थे।
मेट्रो लाने में बड़ा योगदान : 1995 में भारत सरकार और दिल्ली सरकार ने मिलकर दिल्ली मेट्रो कॉरपेशन (डीएमआरसी) का गठन किया। ई. श्रीधरन डीएमआरसी के मुखिया नियुक्त किए गए। 1998 में दिल्ली मेट्रो की पहली लाइन का काम शुरू हुआ और 24 दिसंबर 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रेड लाइन पर शाहदरा से तीस हजारी के बीच मेट्रो को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद से ही दिल्ली में मेट्रो का विस्तार लगातार जारी है।
दिल्ली को सड़क मार्ग के जरिए अन्य शहरों से जोड़ा : अटल जी ही थे जिन्होंने दिल्ली से मुंबई को सड़क मार्ग के जरिए जोड़ा। इसके अलावा दिल्ली से लाहौर तक बस चलाकर पाकिस्तान के साथ रिश्तों को बेहतर बनाया।
खूब खाए सीपी के गोलगप्पे : अटल जी दिल्ली के चप्पे-चप्पे से वाकिफ थे। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने एक साक्षात्कार में बताया था कि वे और अटल जी 50 के दशक में स्कूटर पर कनॉट प्लेस जाया करते थे। दोनों वहां रीगली-रिवोली में फिल्म देखते थे। उसके बाद वहीं पास ही में एक चाट वाले के पास गोलगप्पे खाते थे। आडवाणी ने बताया था कि अटल जी को गोलगप्पे पसंद थे जबकि वे चाट खाना पसंद करते थे।