बारिश और बाढ़ से कई जिलों में लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। गोमती, शारदा और घाघरा नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। घर गिरने का क्रम भी कम जारी है। शनिवार रात से अब तक सुलतानपुर में चार लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति नहाते वक्त नाले में बह गया। सुलतानपुर कई मवेशी भी दब गए। सीतापुर में एक कांवड़िया गोमती में स्नान करते वक्त बह गया।
सुलतानपुर जिले में बारिश व बाढ़ ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। यहां चार लोगों की मृत्यु हो गई वहीं अलग-अलग स्थानों पर 31 मवेशियों के मरने की खबर है। रविवार को गोमती नदी का जलस्तर 83.470 मीटर पर पहुंच गया। जलस्तर अभी खतरे के निशान से करीब एक मीटर नीचे है। नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला पल्टन बाजार में पक्का मकान गिरने से हरीराम के बेटे रोहन (03) की मौत हो गई। पत्नी व एक पुत्र घायल हो गए। लम्भुआ क्षेत्र के घरवासपुर में दीवार गिरने से बुद्धीदेवी (48) की मौत हो गई, पति घायल हैं। कूरेभार क्षेत्र के धर्मदासपुर में मो. सजील (60) की भी घर गिरने से मौत हो गई। नगर कोतवाली क्षेत्र के बहादुरपुर नाले में रविवार शाम हरिहर ईशपुर निवासी अतुल दुबे (32) नहाते समय डूब गया। गोमती नदी के सीताकुण्ड घाट पर एकअज्ञात युवक का शव उतराता मिला।
स्नान कर रहा कांवड़िया नदी की धार में बहा
सीतापुर के नैमिषारण्य में रविवार शाम गोमती नदी में स्नान कर रहा कांवड़िया नेवदिया निवासी अटल (19) तेज धार में बह गया। गोताखोर काफी मशक्कत के बाद उसका पता नहीं लगा सके। आक्रोशित ग्रामीणों व कांवड़ियों ने हरदोई-सीतापुर मार्ग पर देव देवेश्वर मंदिर मेन गेट के सामने रात साढ़े नौ बजे तक रोड जाम कर दिया और वाहनों व रोडवेज बस में तोड़फोड़ भी की। जाम से दूर तक वाहनों की लाइन लग गई। एसडीएम के निर्देश पर गोताखारों ने दोबारा कांवड़िये की तलाश शुरू की तब जाकर जाम खुला। वहीं जिले में शारदा व घाघरा नदियों के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई। ताहपुर गांव में रविवार को घाघरा नदी काफी तेज गति से कटान कर रही थी। ग्राम पंचायत गौलोक कोड़र के मजरा कोनी, नगीनापुरवा में कटान जारी है।
बलरामपुर में राप्ती नदी के जल स्तर ने रविवार को चेतावनी बिंदु पार किया है। हालांकि शाम से नदी का जल स्तर घटने लगा। वहीं तराई क्षेत्र के खरझार नाले का पानी आधा दर्जन गांवों में प्रवेश कर गया। श्रावस्ती में में भी राप्ती नदी और पहाड़ी नालों में बाढ़ की नौबत आ गई है। गोण्डा में रविवार को भी घाघरा से करनैलगंज में स्थित एल्गिन-चरसड़ी बांध सहित अस्थाई बांध के बचे हुए हिस्से की मुश्किलें लगातार बढ़ी रही हैं। अब तक एक दर्जन से अधिक मजरे बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। पहाड़ी नदियों से पानी आने के कारण घाघरा व सरयू नदियां उफान पर हैं। रविवार को बौण्डी क्षेत्र दर्जन भर गांव बाढ़ से घिर गए हैं। एडीएम रामसुरेश वर्मा ने बाढ़ क्षेत्र का दौरा कर अलर्ट जारी कर दिया है।
बंधों पर बसर कर रहे बाढ़ पीड़ित
बाराबंकी में जलस्तर घटने के बाद भी घाघरा नदी खतरे के निशान से 13 सेमी ऊपर बह रही है। रविवार की शाम नदी का जलस्तर 106.206 सेमी दर्ज किया गया। सबसे बड़ी समस्या इसलिए है क्योंकि नदी के किनारे बसे गांवों के रास्ते व सड़कें जलमग्न हो गए हैं। नदी घटने के साथ कटान का खतरा बढ़ा है। जिससे तराई में दहशत है। बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट रहने के निर्देश हैं। नदी में पानी अधिक होने के चलते सिरौलीगौसपुर तहसील के नौवनपुरवा, रेता, आंशिक रूप से मांझारायपुर सहित आधा दर्जन गांव प्रभावित हैं। लोग घर बार छोड़ कर बंधे पर डेरा डाले हैं। प्रशासन द्वारा सहायता दी जा रही है। मगर वह नाकाफी साबित हो रही है। मवेशियों के लिए चारा की समस्या खड़ी हो गई है।