उम्र महज 22 साल, नाम शिवकुमार सैनी, शिक्षा इंटरमीडिएट फेल, पेशा परचून की दुकान और कारानामा ऐसा कि कोई सुने तो पैरों से जमीन खिसक जाए। इस शातिर दिमाग युवक ने करोड़पति बनने का ऐसा ख्वाब देखा कि जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया। अब उसके पास सिवा पछतावे के कुछ नहीं बचा।
अगौता थानाक्षेत्र के गांव मालागढ़ निवासी किसान मोहनलाल सैनी के चार पुत्र हैं। तीन पुत्र खेतीबाड़ी करके अपनी गुजर-बसर करते हैं, जबकि सबसे छोटा पुत्र शिवकुमार सैनी गांव में पिछले 8 साल से परचून की दुकान चलाता है। वर्ष 2016 में जब नोटबंदी हुई तो शिवकुमार नोट बदलने डिप्टीगंज की पीएनबी शाखा पर पहुंचा।
बैंक में नोटों के ढेर देखकर उसका मन डोल गया और तभी से किसी तरह नोटों को बैंक से पार करने की योजना बनाने लगा। पुलिस की मानें तो उसने एक नहीं तीन बार बैंक में जंगला तोड़कर चोरी की। चोरी में नोट तो हाथ नहीं लगे लेकिन कंप्यूटर आदि सामान चुराकर ही उसने खुद को बहला लिया। इस बार उसने यू-ट्यूब पर वीडियो देखकर सुरंग खोदने का आइडिया लिया। बस फिर क्या था, करने लगा सही मौके का इंतजार।
शिवकुमार ने पुलिस को बताया कि उसने पहली बार 16 जून को ईद की छुट्टी पर बैंक में सुरंग खोदनी शुरू की थी। हालांकि पुलिस ने शिवकुमार के सपनों पर पानी फेरते हुए, उसके सही स्थान जेल पहुंचा दिया।
मुझे सदैव रहेगा पछतावा : शिवकुमार
शिवकुमार ने बताया कि उसने बैंक से रुपये चोरी कर शान की जिंदगी जीने का ख्वाब पाला था। उसे नहीं पता कि वह अपनी जिंदगी बर्बाद करने जा रहा है। अब उसे अपने परिवार की इज्जत और इकलौते पुत्र और पत्नी के भविष्य की चिंता सता रही है।
दिन में ही करता था खुदाई
पीएनबी की डिप्टीगंज शाखा के पीछे एक बहुत पतली गली है उस पर भी लोहे का गेट चढ़ा है। वहीं पर पीछे गटर है। वहां कभी कोई नहीं जाता। इसी का लाभ उठाते हुए शिवकुमार दिन में ही चोरी-छिपे सुरंग की खुदाई करता रहा।
2016 और 2017 में की तीन बार चोरी
कोतवाल धनंजय मिश्र ने बताया कि शिवकुमार ने नोटबंदी के बाद वर्ष 2016 में पहली बार बैंक में चोरी की थी। फिर वर्ष 2017 में 29 जनवरी और 4 नवंबर को भी चोरी की वारदात को अंजाम दिया। इन चोरी में रुपये उसके हाथ नहीं लगे थे।
बैंक अधिकारियों ने ली राहत की सांस
एक ही शाखा में नोटबंदी के बाद तीन बार चोरी होने पर कंप्यूटर और सीसीटीवी की डीवीआर चोरी गई थी। इसको लेकर पुलिस शक कर रही थी कि जरूर बैंक से जुड़ा कोई व्यक्ति इसमें शामिल हो सकता है। अब खुलासे से बैंक अधिकारी भी राहत की सांस ले रहे हैं।
बैंक सुरंग प्रकरण में सुलगते सवाल
-सुरंग खुदने का इतने दिनों तक किसी को पता न चले ऐसा कैसे हुआ
-अकेले दम पर इतनी लंबी सुरंग खोदे जाने की बात नहीं उतर रही गले
-खुदाई के बाद मिट्टी को कैसे ठिकाने लगाना भी जांच का विषय
-बैंक में तीन बार चोरी होने के बाद भी सुरक्षा में लापरवाही क्यों