अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बाहर होने का किया ऐलान,

अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बाहर होने का किया ऐलान,

अमेरिका ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) से बाहर होने का ऐलान कर दिया। यूएन में अमेरिका की अम्बेस्डर निकी हेली ने परिषद पर इजरायल के खिलाफ राजनीतिक पक्षपात का आरोप लगाया। हेली ने कहा कि रूस, चीन, क्यूबा और मिस्र जैसे देशों ने उसकी परिषद में सुधार करने की कोशिशों में भी रोड़ा अटकाया। अमेरिका लंबे समय से 47 सदस्यीय इस परिषद में सुधार की मांग कर रहा था।

अमेरिकी रक्षा विभाग से किए गए ऐलान में हेली के साथ देश के रक्षा मंत्री माइक पोम्पियो भी मौजूद थे। हेली ने परिषद पर असल में मानवाधिकार उल्लंघन करने वाले देशों का बचाव करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि मानवाधिकार का दुरुपयोग करने वाले अपना काम करते रहेंगे और परिषद में चुने भी जाते रहेंगे।

चीन, क्यूबा, ईरान और वेनेजुएला जैसे देशों का हवाला देते हुए हेली ने कहा कि परिषद में कई ऐसे सदस्य हैं जो अपने नागरिकों के बुनियादी मानवाधिकार की भी इज्जत नहीं करते, लेकिन परिषद लगातार उन देशों को बलि का बकरा बनाता है जिनका मानवाधिकार के मामले में रिकॉर्ड बेहतर है, ताकि वो इसे तोड़ने वालों से दुनिया का ध्यान हटा सके।

मैक्सिको सीमा पर बच्चों को माता-पिता से अलग करने का आरोप
ट्रम्प प्रशासन का ये फैसला यूएन ह्यूमन राइट्स के हाई कमिश्नर के उस आरोप के बाद आया है, जिसमें मैक्सिको बार्डर पर माता-पिता के बच्चों से अलग होने को हद से ज्यादा गलत कदम बताया गया था। कई मानवाधिकार संगठन ट्रम्प प्रशासन पर मानवाधिकार को विदेश नीतियों में शामिल नहीं करने का आरोप लगाते हैं।

ट्रम्प कार्यकाल में तीसरे बड़े समझौते से अलग हुआ अमेरिका
अमेरिका तीन साल के लिए इस 47 सदस्यीय परिषद का सदस्‍य था। हालांकि, उसका डेढ़ साल का कार्यकाल पूरा हो चुका था। पिछले हफ्ते ही खबर आई थी कि अमेरिका की परिषद में सुधार की मांगों को नहीं माना गया है। इसके बाद ये तय माना जा रहा था कि अमेरिका परिषद को छोड़ देगा। पेरिस जलवायु और ईरान परमाणु समझौते के बाद ये तीसरा मौका है जब अमेरिका ने खुद को किसी बहुपक्षीय समझौते से अलग कर लिया है।

अमेरिका के फैसले पर संयुक्त राष्ट्र ने जताई निराशा
अमेरिका के फैसले पर संयुक्त राष्ट्र ने निराशा जताई। यूएन सचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, “सेक्रेटरी जनरल ने अमेरिका के मानवाधिकार परिषद में रहने को वरीयता दी होती, संयुक्त राष्ट्र का मानवाधिकार ढांचा दुनियाभर में अधिकारों की सुरक्षा और उसका प्रचार करता है।”

ढेढ़ साल से इस परिषद का सदस्य था अमेरिका

बता दें कि अमेरिका तीन साल से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का सदस्य है। इस परिषद में अमेरिका का अभी डेढ़ साल पूरा हुआ था। बीते दिनों यह खबर आई थी कि परिषद में सुधारों पर सहमति नहीं बनी थी और अमेरिका की मांगों को नहीं माना गया था। तभी से यह खबर आ रही थी कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से हट जाएगा। अमेरिका के इस परिषद के हटने का औपचारिक ऐलान होना रह गया था, जो आज हो गया।

अमेरिका ने पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्‍ल्‍यू बुश के शासन काल में भी तीन साल तक मानवाधिकार परिषद का बहिष्‍कार किया था, लेकिन ओबामा के राष्‍ट्रपति बनने के बाद 2009 में वह इस परिषद में फिर से शामिल हुआ था।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll Up