‘हर पीली चीज खरा सोना नहीं होती’ मुहावरा सच साबित हो रहा है। इरेडियम और रुथेनियम जैसे घातक पाउडर की मिलावट वाला सोना ग्राहकों को गहरे जख्म दे रहा है। इस मिलावटी सोने के आभूषण पहनने से शरीर पर घाव हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस पदार्थ की मिलावट से तैयार सोने से होने वाले जख्म से कैंसर भी हो सकता है।
अवैध कमाई के चक्कर में ज्वेलर दे रहे जख्म:
ज्वेलर और तस्करों का सिंडिकेट अवैध कमाई के चक्कर में यह अपराध कर रहा है। शहर के बाजार में हलचल तब मची जब इस अवैध कारोबार का शिकार उनका अपना ही ज्वेलर साथी हो गया। शहर के एक व्यापारी को ही इन कारोबारियों ने नकली सोने का आभूषण बेच दिया। मिलावटी सोने से बनी चेन ने उसके सीने पर गहरा घाव बना दिया। घाव धीरे-धीरे बढ़ा तो व्यापारी चौकन्ना हुआ और आभूषण उतारकर रख दिया। इस वक्त वह डॉक्टर की निगरानी में है। व्यापारी का इलाज कर रहे डॉक्टर का कहना है कि शरीर पर यह जख्म लॉकेट में मिले रूथेनियम और इरेडियम की वजह से बना है। सूत्रों की मानें तो शहर में बड़ी मात्रा में मिलावटी सोने का धंधा किया जा रहा है।
छह लाख लगाकर पांच गुना कमा रहे अवैध कारोबारी:
सोने के चौथाई दाम में बिक रहे इस पाउडर का इस्तेमाल शहर ही नहीं पूरे प्रदेश में भारी मात्रा में किया जा रहा है। अफसोस की बात यह है कि मिलावटखोरी के इस धंधे को पकड़ने के लिए प्रदेश में कोई इंतजाम नहीं है। बाजार में रविवार को एक किलो सोने का दाम लगभग 32 लाख रुपये के आसपास था। वहीं सूत्रों ने बताया कि इरेडियम और रुथेनियम का दाम बाजार में इस समय लगभग 6-7 लाख रुपये किलो चल रहा है। ऐसे में 6-7 लाख रुपये लगाकर अवैध कारोबारी लगभग पांच गुना ज्यादा कमाई कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि इरेडियम और रूथेनियम नाम का मेटल भी सोने की खदान से ही निकलता है। इसे मिलाने पर सोने का कैरट पहले जैसा बना रहता है।
इस मिलावट को पकड़ने की कोई व्यवस्था नहीं:
लखनऊ शहर या प्रदेश की बात करें तो इरेडियम और रुथेनियम जैसे पाउडर की मिलावट को पकड़ने के लिए प्रदेश में कोई व्यवस्था नहीं है। चौक बाजार के एक ज्वेलर ने बताया कि इस पाउडर को सोना गलाने के बावजूद नहीं पकड़ा जा सकता। जिस सोने के टुकड़े से जांच के लिए सैंपल लिया जा रहा है, जरूरी नहीं है कि यह पाउडर उस तरफ ही हो। ऐसे में जो जांच रिपोर्ट आएगी भी वह गलत होने की संभावना ज्यादा होगी। मिलावटी सोने की सही जांच कराने के लिए पूरा देश गुजरात और बंगलुरु में लगी एक्वा रिफाइनरी के सहारे है। यहां पूरे देश से आए सैंपलों की जांच कराने के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है।
नकली सोना बेचने वालों के बहिष्कार पर मचा बवाल
इंडिया बुलियन ज्वेलर एसोसिएशन की लखनऊ में हुई कार्यशाला में नकली सोने का मामला तूल पकड़ गया। नकली सोना बेचने वालों के बहिष्कार का आह्वान किया गया। कानपुर में उ.प्र. सराफा एसोसिएशन की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भी सोने के नाम पर पाउडर वाली ज्वेलरी बेचने वालों का बहिष्कार करने की बात जोर-शोर से की गई। इस बैठक में तस्करी से लाए गए सोने का लेन-देन नहीं करने का संकल्प दोहराया गया।
ग्राहकों को खरा सोना मिल सके, इसके लिए अवध सराफा एसोसिएशन ने एक अभियान चलाया है। इसमें जो व्यापारी पाउडर रहित यानी 75 फीसदी के आभूषणों की बिक्री करेंगे, उन्हें सम्मानित किया जाएगा। इसी क्रम में चौक बाजार के शिव ट्रेडर्स के मालिक विशाल गुप्ता और राहुल गुप्ता को सम्मानित किया गया। इसके पहले नीतीश कुमार जैन और अंचल मेहरोत्रा को सम्मानित किया जा चुका है। बुलियन राहुल गुप्ता ने सरकार से मांग की है कि इस अवैध धंधे को रोकने के लिए एक्वा रिफाइनरी की संख्या बढ़ानी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि इन रिफाइनरी को लगाने के लिए निजी क्षेत्रों को भी लाइसेंस जारी करने चाहिए।
डॉक्टर का कहना
लखनऊ सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि ईरेडियम व रूथेनियम मेटल की मिलावट सोने के आभूषण में करना घातक है, क्योंकि यह मेटल त्वचा के लिए अधिक संवेदनशील है। घाव आसानी से हो जाता है। लंबे समय तक घाव गंभीर बीमारी की वजह हो सकता है। कैंसर व त्वचा की दूसरी गंभीर बीमारी भी हो सकती है।