भारतीय मूल की अमेरिकी महिला दिव्या सूर्यदेवरा को अमेरिका की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी जनरल मोटर्स का मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) नियुक्त किया गया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि कंपनी की मौजूदा उपाध्यक्ष (कॉरपोरेट फाइनेंस) 39 वर्षीय दिव्या एक सितंबर को चक स्टीवेंस का स्थान लेंगी। वह उपाध्यक्ष पद पर जुलाई 2017 से कार्यरत हैं। वह कंपनी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मैरी बर्रा के मातहत काम करेंगी। बर्रा और दिव्या वाहन उद्योग में संबंधित इन शीर्ष पदों पर पहुंचने वाली पहली महिलाएं हैं। किसी भी अन्य प्रमुख वैश्विक वाहन निर्माता कंपनी में महिला सीईओ या महिला सीएफओ नहीं हैं।
कौन हैं दिव्या सूर्यदेवरा
चेन्नई में पैदा और पली-बढ़ी दिव्या ने मद्रास विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक है
22 साल की उम्र में हायर स्टडी के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के हार्वर्ड चली गईं
हार्वर्ड से एमबीए की डिग्री ली और निवेश बैंक यूबीएस में अपनी पहली नौकरी की
25 साल की उम्र में जनरल मोटर्स से जुड़ी
2016 में दिव्या को ऑटोमोटिव क्षेत्र की ‘राइजिंग स्टार’ का खिताब मिला
दिव्या ने स्वतः ड्राइविंग वाहन स्टार्टअप क्रूज के अधिग्रहण समेत कई महत्वपूर्ण सौदों को पूरा किया
कंपनी की सीईओ भी महिला
जनरल मोटर्स की सीइओ मैरी बर्रा भी महिला हैं। दिव्या मैरी को ही रिपोर्ट करेगी। दिव्या सूर्यदेवरा की नियुक्ति के बाद जनरल मोटर्स के 17 कॉरपोरेट अधिकारियों में 4 महिलाएं शामिल हो गईं। एलिसिया बोलर-डेविस ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग चीफ हैं और ग्लोबल ह्यूमन रिसोर्स चीफ के पद पर किम्बरले ब्रिज बनी हुई हैं। दुनिया में कुछ ही ऐसी कंपनियां हैं जिनमें सीईओ और सीएफओ महिलाएं हैं।
शीर्ष कंपनी में भारतीय का परचम
दिव्या से पहले भी दुनिया की कई शीर्ष कंपनियों में भारतीयों ने अपनी काबिलियत से शीर्ष मुकाम हासिल किया है। इनमें सर्च इंजन गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी सत्या नडेला, अमेरिकी कंपनी पेप्सिको की चेयरपर्सन और सीईओ इंद्रा नूयी और मास्टर कार्ड के सीईओ अजय बंगा जैसे नाम शामिल हैं।
राजीव को 9 करोड़ का बोनस
दिग्गज आईटी कंपनी कॉग्निजेंट ने अध्यक्ष राजीव मेहता को 9 करोड़ का बोनस और 60 करोड़ के शेयर दिए हैं। कंपनी ने यूएस सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज कमिशन को यह भी बताया कि उसने मेहता के साथ अपने रोजगार समझौते में संशोधन किया है। इसके तहत अगर वह कंपनी छोड़ते हैं तो उनको दो साल तक तक कॉग्निजेंट कर्मचारियों बने रहने का अनुरोध कर सकता है