केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने देश में ईंधन की कीमतों के रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच जाने के बाद पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के दायरे में लाने की अपील की, ताकि उपभोक्ताओं को मूल्य निधार्रण का लाभ मिल सके। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य नहीं चाहते हैं कि पेट्रोलियम पदार्थों को नए अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के तहत लाया जाए। उन्होंने कहा, ‘मैं एक बार फिर से जीएसटी परिषद से पेट्रोलियम को जीएसटी के तहत लाने की अपील करता हूं, ताकि ग्राहकों को फायदा हो।’ दिल्ली में सोमवार को पेट्रोल की कीमत 73.83 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल की कीमत 64.69 रुपये प्रति लीटर थी, जबकि नोएडा और गाजियाबाद में पेट्रोल की कीमत 75 रुपये प्रति लीटर थी।
दिल्ली में यूरो-4 ग्रेड की जगह पर यूरो-6 ईंधन को लांच करने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधान ने याद करते हुए कहा कि पिछले साल केंद्र सरकार ने कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए उत्पाद शुल्क में कटौती की थी और कुछ राज्यों ने भी इसका अनुसरण करते हुए स्थानीय करों में कटौती की थी। प्रधान ने कहा कि कीमतों में डायनेमिक आधार पर रोज बदलाव हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘ईंधन की कीमतों को लेकर हमारे पास छुपाने को कुछ नहीं है। पेट्रोल, डीजल अंतररार्ष्ट्रीय उत्पाद है और जैसे ही इनकी कीमतें बढ़ती या घटती हैं हम ग्राहकों के लिए उसी हिसाब से कीमतों को बढ़ा-घटा देते हैं।’