सील इलाको मे सेनेटाईज़ेशन और सफाई का काम जारी
लखनऊ। , नोवेल कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पूरे देश मे लागू किए गए लाक डाउन के सोमवार की रात 12 बजे 20 दिन पूरे हो जाएगे लेकिन 20 दिनो के इस लाक डाउन के बावजूद देश मे कोरोना वायरस के मामलो मे लगातार इज़ाफा ही देखने को मिल रहा है । कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा जो प्रदेश प्रभावित है वो है महाराष्ट्र। हालाकि 24 मार्च की रात आठ बजे देश के प्रधानमंत्री द्वारा किए गए लाक डाउन के एलान के बाद पूरे देश की जनता ने अपने आपको अपने अपने घरो मे कैद कर कोरोना वायरस से जंग शुरू कर दी थी । हालाकि ये नही कहा जा सकता है कि लाक डाउन का कोई फायदा नही हुआ क्यूकि माना ये जा रहा है कि लाक डाउन अगर समय से लागू न किया जाता तो मौजूदा समय मे कोरोना वायरस का विस्तार बड़े पैमाने पर हो चुका होता । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ मे लाक डाउन के 20 वें दिन भी सड़कें पूरी तरह से सूनी रही दवा दूध राशन और सब्ज़ी की दुकाने उसी तरह से खुली रही जैसे पहले खुल रहीं थी । लाक डाउन के 15वें दिन उत्तर प्रदेश के 15 ज़िलो मे 114 उन मोहल्लो को पूरी तरह से सील किया गया था जहंा से कोरोना वायरस के मरीज़ मिले थे इन हाट स्पाटो मे लखनऊ मे 12 हाॅट स्पाट है । लखनऊ के इन सभी हाट स्पाटो मे रहने वाले लोगो को आवश्यक वस्तुओ की परेशानी न हो इसके लिए प्रशासन ने घर घर सामान की होम डिलीवरी की व्यवस्था को सुनिश्चित करते हुए सभी दुकानदारो के नाम और मोबाईल नम्बरो को सार्वजनिक कर दिया था । सील किए गए इलाको मे रहने वाले लोग लगातार 5 दिनो से अपने अपने घरो मे पूरी तरह से कैद है । वायरस की रोकथाम के लिए पूरी तरह से सील किए गए मोहल्लो मे रहने वालो को अपने घरो से बाहर आने की भी इज़ाज़त नही है। सील किए गए सभी हाट स्पाटो मे नगर निगम के कर्मचारी लगातार दवा का छिड़काव कर रहे है साथ ही इन मोहल्लो मे ऐसी सफाई हो रही है जैसे पहले कभी नही हुई थी। पुराने लखनऊ के हाट स्पाटो मे ऐसे मोहल्ले भी शामिल है जहंा हफतो सफाई कर्मचारियों के न पहुॅचने की शिकायते मिलती थी वहंा अब सफाई कर्मचारी युद्ध स्तर पर सफाई करते हुए देखे जा रहे है। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू किए गए लाक डाउन के दौरान गरीब परिवार के लोगो के लिए सरकार की तरफ से भी पका पकाया भोजन वितरीत किया जा रहा है और सामाजिक सस्थाए और समाज सेवियो ने भी राशन और पका पकाया भोजन गरीबो तक पहुॅचाने मे कोई कोर कसर नही छोड़ी। हालाकि लाक डाउन के बाद अपने घरो मे रह कर कोरोना से लड़ रहे लोगो का मानना था कि 21 दिनो के बाद लाक डाउन समाप्त हो जाएगा और उनकी ज़िन्दगी की गाड़ी पहले की तरह से पटरी पर दौडने लगेगी लेकिन अन्दाज़ा ये लगाया जा रहा है कि लाक डाउन की अवधि दो सप्ताह के लिए और बढ़ाई जा सकती है।