लखनऊ। पुलिस आकस्मिक सेवा डायल 112 (डायल 100) के तीन वर्ष पूरे होने पर शुक्रवार को डीजीपी ओपी सिंह ने लखनऊ स्थित डायल 112 मुख्यालय में एक प्रेस कान्फे्रंस कर पुलिस आकस्मिक सेवा के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर डीजीपी ने डायल 112 सेवा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पुलिसकर्मियों व पुलिस को सही समय पर सूचना देकर लोगों की जानें बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आम लोगों को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। डीजीपी ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में हमने अपना आपातकालीन नंबर विश्वस्तरीय बनाया है। हमारी आपातकालीन सेवा ’डायल 112’ को विश्वस्तरीय सम्मान मिल चुका है। 2.69 लाख पुलिसकर्मी अब तक इस सेवा से जुड.कर जनता की मदद कर रहे हैं। डीजीपी ने कहा, कोई भी व्यक्ति आपात स्थिति में 112की सेवा ले सकता है। डीजीपी ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए हमने बड़े कदम उठाए हैं। महिलाओं को तत्काल मदद पहुंचाने के लिए महिला पाॅवर लाइन 1090 को डायल 112 के साथ जोड़ा गया है। 112 को अधिक प्रभावी बनाने के लिए रेलवे पुलिस, एम्बुलेंस और फाॅयर सर्विस को भी डायल 112 से जोड़ा जा रहा है। 112 सेवा के पीआरवी जवानों की ट्रेनिंग पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। जिससे मुसीबत के समय 112 सेवा के जवान लोगों की जान-माल की हिफाजत कर सकें। डीजीपी ने कहा कि हमने कुंभ और लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया है। स्मार्ट पुलिसिंग के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। पुलिस सेवा को और बेहतर कैसे बनाया जाए, इस पर भी लगातार काम किया जा रहा है। लखनऊ और नोएडा में पहली बार कमिश्नरी सिस्टम लागू करने की चर्चा पर डीजीपी ने कहा, इस बारे में शासन स्तर पर चर्चा चल रही है। लेकिन यह सरकार का फैसला है। अभी मैं इस बारे में कुछ ज्यादा नहीं बोल सकता। दूसरे राज्यों का हवाला देते हुए डीजीपी ने कहा, पिछले दो वर्षों में प्रदेश में डकैती, बलात्कार, छेड़छाड़ और हत्या जैसी घटनाओं में काफी कमी दर्ज की गई है। साथ ही 112 सेवा पर आने वाले फोन काल और पुलिस के मौके पर पंहुचने के समय पर ध्यान दिया गया है। अपने अधीनस्थ अफसरों को नसीहत देते हुए डीजीपी ने कहा, पुलिस के सभी अंग मसलन पीएसी, एटीएस, एसटीएफ, जीआरपी, जिला पुलिस टीम भावना से काम करें। तभी हम आम लोगों की उम्मीदों पर खरे उतर पाएंगे।
