लखनऊ। व्यापारियों के प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को आयकर कानून, जीएसटी और बैकिंग से संबंधित समस्याओं को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। इसमें व्यापारियों ने व्यापार को और अधिक सुगम बनाने के लिए कई मांगे रखी हैं। लखनऊ व्यापार मण्डल के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि आयकर कानून में सरकार के तमाम बदलाओं के बाद आज भी समस्याएं मौजूद हैं, जिनको बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब 40 लाख तक कारोबार करने वाले व्यापारी को जीएसटी से छूट प्रदान की गयी है तो इनकम टैक्स की भी सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 6 लाख की जानी चाहिए। वहीं, सुपर सीनियर सिटीजन आयु सीमा 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष के आयकरदाता को दी जाय। कनाडा, अमेरिका आस्ट्रेलिया जैसे देशों में आयकरदाताओं को मुफ्त दवाई, पढ़ाई की सुविधा दी जाती है, इसे भारत में भी लागू करना चाहिए। वरिष्ठ महामंत्री अमरनाथ मिश्र ने कहा कि आयकर कानून से सम्बन्धित 17 बिन्दुओं का एवं जीएसटी के 6 बिन्दु तथा बैकिंग के 7 बिन्दू का ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया। इसमें मांग की गई है कि कम कागजात की मांग कर आसानी से मुद्रा लोन नये एवं पुराने व्यापारियों को दिया जाय। छोटे कस्बों में भी राष्ट्रीकृत बैंक खोले जाएं, जीएसटी में 5, 12, 18, 28 की जगह दो दरें 5 और 12 प्रतिशत की जाएं। जिससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा और व्यापारियों को लिखा पढ़ी में दिक्कत कम होगी। उन्होंने बताया कि अभी एक ही ट्रेड में 4 दरें लागू हैं ऐसे में मैनुअल लिखा पढ़ी तो संभव ही नहीं है। ऐसे में एक प्रकार के ट्रेड में एक ही दर होनी चाहिए। 4 दरों को समाप्त कर 2 दरें की जाएं। व्यापारियों की मांग है कि ई-वेबिल की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख तय की जाए। साथ ही गुजरात और महाराष्ट्र की तर्ज पर जिला की सीमा के अंदर ई-वेबिल से मुक्त व्यापार करने की सुविधा दी जाए। उनका कहना है कि तमाम ऐसे बिल हैं जो दुकान पर ही बनाए जाते हैं जैसे- ब्रेड, पेप्सी वगैरह लेकिन एक वाहन में तमाम माल लादकर व्यापारी सप्लाई करता है, उन्हें इससे सहूलियत मिलेगी और कर चोरी पर लगाम लगाया जा सकेगा। उनका कहना है कि जिस व्यापारी के पास खरीद के बिल एवं बिल्टी के साक्ष्य मौजूद हों, उससे वसूली न करके बेचे गये व्यापारी से जीएसटी की वसूली की कार्यवाही की जाय। वहीं, जीएसटी आर 9 भरते समय तमाम ऐसी ही दिक्कतें सामने आईं हैं। किसी व्यापारी ने तो जीएसटीआर-1 दाखिल ही नहीं किया है तो किसी ने टैक्स लगाकर उसको अपने रिटर्न में ही नहीं दिखाया है। ऐसे में खरीद के साक्ष्य मौजूद होने पर विक्रेता व्यापारी के ऊपर कार्यवाही करनी चाहिए। कोषाध्यक्ष देवेन्द्र गुप्ता ने कहा कि आयकर देर से जमा होने पर ब्याज दर 12 प्रतिशत की जगह 9 प्रतिशत की जाए संसदीय महामंत्री विनोद अग्रवाल ने कहा कि आयकर एक्ट में जेल के सभी प्रावधान समाप्त किये जाये। महामंत्री पवन मनोचा ने कहा कि आयकर में ब्याज लेने के बाद पेनाल्टी की कार्यवाही न की जाय। बता दें, प्रतिनिधि मंडल में वरिष्ठ महामंत्री अरविंद पाठक, युवा महामंत्री मंजीत सिंह दुआ, युवा कोषाध्यक्ष मनीष गुप्ता, किशचन्द्र बंबानी, आशोक मोतियानी, अनिल बजाज, अनिल बरमानी, भारत भूषण गुप्ता, नीरज जौहर, प्रवीन कुमार निगम, अशोक मिश्र, रविन्द्र गुप्ता, राकेश छाबड़ा, श्याम कृष्णानी, चन्द्र प्रकाश अग्रवाल, इन्द्रजीत सिंह, राजीव अग्रवाल, जीतेन्द्र सिंह चैहान, नवीन अरोडा, श्याम मूर्ति गुप्ता, शेखर कुमार, सुभाष चन्द्र विज, उत्तम कपूर, विनोद महेश्वरी, रामशंकर वर्मा, आनन्द रस्तोगी, उमेश पाटिल, रामप्रकाश गुप्ता, अमित अग्रवाल, कैलाश पिपलानी, रामनरेश वर्मा, रामचन्द्र मिश्र, केदार बाजपेई,गोपाल गुप्ता, सुशील अबराल, पंकज शुक्ल, राजेश सडाना, राजेश अग्रवाल, निसार हुसैन, आरिफ खां, रंजीत कुमार, रेहान रजा खा. मुर्तजा अली, ननीष वर्मा, सतीश चन्द्र मिश्र, हीरालाल वर्मा, राजू खुराना, दीपक बाजपेई, शशि शुक्ला, नवीन कसेरा, इरफान, शकील अहमद सिद्दीकी,धर्म नरायन टण्डन,नदीम, दीपक अरोड़ा, सतीश मनचन्दा समेत सैकड़ो व्यापारी मौजूद रहे।
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