लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बोलते हुए सरकार पर सीधा हमला किया और कहा कि सरकार अपने वादे पूरे करने में विफल रही। उन्होंने, राफेल विमान सौदे, किसानों की स्थिति, बेरोजगारी और महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सीधे प्रधानमंत्री को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की। राहुल ने कहा कि पूरा विपक्ष और सत्तापक्ष के कई लोग मिलकर सरकार को हराएंगे। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री के शब्द का मतलब होना चाहिए। पर सरकार अपने वादे पूरे करने में पूरी तरह विफल रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने राफेल विमान सौदे पर सवाल उठाते
Category: राजनीति
पीएम मोदी के पिछले 4 साल के विदेश दौरे में खर्च हुए 1,484 करोड़ रुपये
सरकार ने गुरुवार को बताया कि जून 2014 के बाद से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की 84 देशों की यात्रा के दौरान चार्टर्ड उड़ानों, विमानों के रखरखाव और हॉटलाइन सुविधाओं पर 1,484 करोड़ रुपये खर्च हुआ है। विदेश मामलों के राज्य मंत्री वीके सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा में मोदी के विदेश यात्रा के दौरान उक्त तीन मदों में किये गए खर्च का ब्यौरा दिया। आंकड़ों के अनुसार, 15 जून 2014 और 10 जून 2021 के बीच की अवधि के दौरान प्रधान मंत्री के विमान के रखरखाव पर 1088.42 करोड़ रुपये और चार्टर्ड उड़ानों पर 387.26
भाजपा को चर्चा के लिए साढ़े तीन घंटे, कांग्रेस को 38 मिनट का समय मिला
सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाला मुख्य दल तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) आज शुक्रवार को लोकसभा में इस पर चर्चा की शुरुआत करेगा और अध्यक्ष ने उसे बोलने के लिए 13 मिनट का समय दिया है। पार्टी की ओर से जयदेव गल्ला पहले वक्ता होंगे। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को प्रस्ताव पर अपने विचार रखने के लिए 38 मिनट का समय दिया गया है। कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और सदन में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे इस पर बोल सकते हैं। अन्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक, तृणमूल कांग्रेस , बीजू जनता दल (बीजद), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को क्रमश :
अविश्वास प्रस्ताव के वक्त को लेकर कांग्रेस में मतभेद
लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने को लेकर कांग्रेस में मतभेद दिखने लगे हैं। पार्टी के कई नेता अविश्वास प्रस्ताव के समय को लेकर सवाल उठा रहे हैं। इन नेताओं का तर्क है कि इससे सरकार को अधिक फायदा होगा। वहीं, कई नेताओं की दलील है कि प्रस्ताव पर चर्चा से सरकार पर दाग लगेगा। अविश्वास प्रस्ताव के वक्त को लेकर सवाल उठाने वाले कांग्रेस नेताओं की दलील है कि बहस शुक्रवार शाम खत्म हो जाएगी। इसके बाद सोमवार से पार्टी किन मुद्दों को लेकर सरकार को घेरेगी। जबकि संसद का मानसून सत्र 10 अगस्त तक
लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की तैयारी है अविश्वास प्रस्ताव
लोकसभा में कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों का सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्विास प्रस्ताव विपक्षी खेमे की मिशन 2019 की तैयारी है। अविश्वास प्रस्ताव का भविष्य विपक्ष को पता है, पर वह इस बहाने सरकार के पांच साल बेदाग चलने पर ‘अविश्वास’ का दाग लगाना चाहता है। ताकि, जनता के सामने यह कह सके कि उसने संसद से लेकर सड़क तक केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया है। विपक्षी दल जानते हैं कि सदन में आंकड़े उनके पक्ष में नहीं है। तमाम कोशिशों के बावजूद वह सरकार को नहीं गिरा सकते। पर बहस के दौरान विपक्षी दलों को
अविश्वास प्रस्ताव से पहले कांग्रेस संसदीय दल की बैठक आज
लोकसभा में विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को चर्चा और मतविभाजन से एक दिन पहले गुरुवार सुबह कांग्रेस संसदीय दल की बैठक बुलाई गई है। इसमें विपक्ष के सभी दलों को साथ लेने और विभिन्न मुद्दों पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाए जाने की उम्मीद है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बुधवार को संसद भवन में संवाददाताओं से कहा, गुरुवार सुबह पार्टी संसदीय दल की बैठक बुलाई गई है। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पार्टी की तरफ से बोलेंगे, तो उन्होंने कहा कि पार्टी
मायावती ने पद से हटाया
अगले साल होने जा रहे आम चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष मायावती को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट किया है। साथ ही कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस पद के उपयुक्त नहीं है, क्योंकि उनकी मां विदेशी मूल की हैं। लोकसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बीएसपी के राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर वीर सिंह और जय प्रकाश सिंह ने बताया- “मायावती का देश के प्रधानमंत्री बनने का सबसे सही समय है और सिर्फ वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनौती दे सकती हैं।” जयप्रकाश सिंह
अमित शाह ने पार्टी नेताओं को दिया सभी 40 सीटें जीतने का लक्ष्य
मिशन-2019 के लिए बिहार में पार्टी और एनडीए के लिए मजबूती की नींव रखकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शुक्रवार की सुबह विशेष विमान से अगले पड़ाव (तेलंगाना) के लिए रवाना हो गए। जाने से पूर्व वे पार्टी नेताओं को बिहार की सभी 40 सीटें जीतने का लक्ष्य भी दे गए। शाह ने सीटों के बंटवारे की चिंता में न फंसने की नसीहत भी दी। इससे पूर्व गुरुवार देर रात और शुक्रवार की सुबह नाश्ते की टेबल पर भी उन्होंने पार्टी नेताओं के साथ बिहार के हालात पर विस्तार से मंथन किया। जानकारी के मुताबिक, बीती रात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के
2019 के चुनाव को लेकर बीजेपी ने शुरू की स्क्रीनिंग,
आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां रणनीति बनाने में लग गई है और सभी दलों में अपने संभावित उम्मीदवारों को लेकर मंथन का दौर भी शुरू हो चुका है। लेकिन, अगर बात सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की करें तो पूरे मामले से वाकिफ पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जब लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी उम्मीदवारों का चुनावा करेगी तो कई मौजूदा सांसदों को फिर से मैदान में उतारा जा सकता है। इस पूरे मामले से भली भांति वाकिफ पार्टी के दो नेताओं ने बताया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि उम्मीदवार के चुनाव को लेकर कई
BJP ने सीट बंटवारे पर सहयोगी दलों को साधा,
बिहार में लोकसभा चुनावों में एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा ने अपने सहयोगी दलों की शंकाओं का समाधान कर लिया है। जदयू ने बीते लोकसभा चुनाव में भले ही दो लोकसभा सीटें जीती हों, लेकिन इस बार एनडीए में उसकी सीटों की हिस्सेदारी लगभग एक दर्जन सीटों की होगी। भाजपा, लोजपा व रालोसपा को अपनी सीटें कम करनी पड़ेंगी। गठबंधन को मजबूत करने को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सभी सहयोगी दलों के नेताओं के साथ मुलाकात कर चुके हैं। शाह के हाल के पटना दौरे के बाद भाजपा व जदयू के बीच अटकलें भी थम गई