चेचन्या के एक गांव के पास रहने वाली कोकू इस्तांबुलोवा 128 साल की हो चुकी हैं। उनके पासपोर्ट पर उनके जन्म की तारिख 1 जून 1889 लिखी हुई है, जिस पर रूस सरकार की मुहर लगी है। हालांकि इतना लंबा जीवन जी चुकी कोकू इससे खुश नहीं हैं। कोकू कहती हैं कि यह भगवान का वरदान नहीं है, क्योंकि मैंने अपने जीवन में एक भी दिन खुशी का नहीं बिताया है।
उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा मेहनत की है और अब मैं बस अपना समय काट रही हूं। कोकू के सभी बच्चों की मौत हो चुकी है। उनकी अंतिम जीवित बेटी की भी पांच साल पहले 104 साल की उम्र में मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि उनके लंबे जीवन का कोई रहस्य नहीं है। वह मीट या सूप नहीं पीती हैं, उन्हें फर्मेंट दूध बेहद पसंद है।
वैसे इतने लंबे जीवन में कोकू ने रूसी सिविल वॉर देखा है, दूसरा विश्व युद्ध और दो चेचन युद्ध भी देखे हैं। स्टालिन के कार्यकाल में उन्हें देश से विस्थापित होना पड़ा था। इस दौरान उनका परिवार कजाकस्तान और साइबेरिया में रहा था। कोकू की उम्र भले ही 128 साल हो मगर दुनिया के सबसे उम्रदराज इनसान होने का खिताब जापान के चियो मियाको के पास है। दस्तावेजों में दर्ज दुनिया के सबसे उम्रदराज शख्स थे फ्रांस के जीन कालमेंट थे, जो 122 साल, 164 दिन तक जिए और 1997 में उनकी मौत हो गई।