भारतीय मसालों का एक अहम हिस्सा हल्दी का सत आसानी से घुल कर ट्यूमर तक पहुंच जाता है और कैंसर कोशिकाओं को खत्म करता है। हल्दी का चिकित्सा उपचार में काफी महत्व है और बिना पके मांस में रोगाणुओं को खत्म करने में कारगर है। हाल में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि हल्दी से अलग किए जाने वाले और प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थ करक्यूमिन कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने का एक प्रभावी एजेंट है। यूनिवर्सिटी ऑफ इलीनोइस में एसोसिएट प्रोफेसर दीपांजन पान ने बताया कि अब तक करक्यूमिन का पूरा फायदा नहीं उठाया जा सका था
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वापस यौवन पाने की लालच में महिलाओं के निजी अंग का उपचार खतरनाक
महिलाओं के निजी अंगों का उपचार कर वापस जवानी पाने का लालच खतरनाक साबित हो सकती है। अमेरिकी खाद्य एवं औषध प्रशासन (एफडीए) ने वजाइनल रिजुवनेशन (निजी अंग का उपचार) चिकित्सा को नुकसानदेह बताया है। अमेरिकी विनियामक ने पाया है कि कई कंपनियां महिलाओं के निजी अंग का इलाज करने से जुड़े उपकरण बाजार में ला रही हैं। ये कंपनियां रजोनिवृत्ति, पेशाब मार्ग से संबंधित असंयत और यौन संबंधी विकार के लक्षणों का उपचार करने का दावा करती हैं। इस प्रकिया में लेजर का इस्तेमाल करके और अन्य ऊर्जा संबंधी उपकरणों से महिला के अंग के ऊतकों को या तो नष्ट कर देते
भरपूर पोषण से दूर करें प्रेग्नेंसी की दिक्कतें
गर्भावस्था में संतुलित खानपान मां ही नहीं गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिए भी बेहद जरूरी होता है। गर्भवती महिला का भोजन प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और पोषक तत्वों से भरा होना चाहिए। अगर प्रेग्नेंसी में ऐसा आहार लिया जाए, तो यह गर्भावस्था संबंधी जटिलताओं के खतरे को कम करने के लिए काफी है। गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में ही डाइट प्लान तैयार करना बेहतर रहेगा। गर्भवती का भोजन फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, फोलेट, लौह तत्वों और अन्य पोषक तत्वों से समृद्ध होना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम के लिए दूध और दूध उत्पादों जैसे खाद्य पदार्थों के सेवन में
70 फीसदी महिलाओं को नहीं होती कीमोथेरेपी की जरूरत
भारत की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम कैंसर है और महिलाओं में सभी प्रकार के कैंसर का 27 प्रतिशत हिस्सा है। हालांकि इन रोगियों में से लगभग 70 प्रतिशत को कीमोथेरेपी से कोई लाभ नहीं पहुंचा है। जिन 30 फीसदी महिलाओं को कीमोथेरेपी का लाभ मिला उनके लिए यह जीवनरक्षक साबित हुआ है। एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। ट्रायल एसाइनिंग इंडविजुअलाइज्ड ऑप्शंस फॉर ट्रीटमेंट (टेलरक्स) द्वारा किए गए अध्ययन में जिक्र किया गया है महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम कैंसर है और इन रोगियों में से लगभग 70 प्रतिशत को कीमोथेरेपी से कोई लाभ
महिलाओं में फेफडों के कैंसर के मामले
महिलाओं में फेफड़े के कैंसर की मृत्यु दर 2015 से 2030 के बीच 43 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है। ऐसा 52 देशों के आंकड़ों के विश्लेषण में सामने आया है। जर्नल कैंसर रिसर्च में प्रकाशित शोध के अनुसार, सबसे ज्यादा फेफड़े के कैंसर की मृत्यु दर 2030 में यूरोप और ओशनिया में होंगी, जबकि 2030 में सबसे कम फेफड़ों के कैंसर की मृत्यु दर अमेरिका और एशिया में अनुमानित है। स्पेन में इंटरनेशनल डी कैटालुन्या युनिवर्सिटी (यूआईसी बार्सिलोना) में सहायक प्रोफेसर जोस मार्टिनेज-सांचेज ने कहा, हमने वैश्विक स्तर पर स्तन कैंसर की मृत्यु दर को कम करने में बड़ी
धूम्रपान न करने वालों को भी फेफड़ों का कैंसर
हवा में फैलता प्रदूषण अब फेफड़ों के कैंसर का कारण बन रहा है। इस कारण वे लोग भी इस जानलेवा बीमारी का शिकार बन रहे हैं जोकि धूम्रपान नहीं करते। वर्ल्ड लंग कैंसर डे के मौके पर सर गंगाराम अस्पताल ने इसे लेकर रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक देश में महिलाओं और युवाओं में तेजी से कैंसर बढ़ रहा है। फेफड़ों के कैंसर के मामले में शोध से चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। 150 रोगियों पर किए गए शोध से पता चला है कि बगैर धूम्रपान करने वालों को भी फेफड़ों का कैंसर हो रहा है। सेंटर फार
जवां दिखना है तो आम जिंदगी में अपनाएं ये 6 बातें
उम्र का बढ़ना प्राकृतिक क्रिया है, मगर कई बार समय से पहले उम्र का असर दिखने लगता है। इसके लिए हमारी कुछ आदतें जिम्मेदार होती है। रोजमर्रा की जिंदगी में हम कई काम अपनी सहूलियत के लिए करते हैं। हमारी यही आदतें आगे चलकर सेहत पर भारी पड़ने लगती हैं। उम्र का असर कम करने के लिए यूं तो बोटॉक्स और फिलर्स जैसी चीजें भी बाजार में उपलब्ध हैं, मगर बेहतर होगा हम अपनी लाइफस्टाइल में थोड़ा बदलाव कर इसे कम कर लें। तो आइए आगे पढ़ते हैं वो 6 बातें तो लंबे समय तक जवां रखने में मददगार हैं-
स्किन कैंसर से नहीं बचाते फेक टैनिंग के उत्पाद
टैनिंग यानी सूरज में देर तक रहने के कारण त्वचा का रंग गहरा हो जाना। यह प्राकृतिक तरीके से हो रहा है, तो कोई बात नहीं है। मगर कृत्रिम या आर्टिफीशियल या फेक टैनिंग के शौकीन लोगों के लिए यह अच्छी खबर नहीं है। एक शोध में कहा गया है कि ऐसे लोगों में त्वचा के कैंसर का खतरा होता है। यूनीवर्सिटी ऑफ मिनसोटा मेडिकल स्कूल में हुए अध्ययन में कहा गया है कि फेक टैनिंग पाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले क्रीम, लोशन, फोम या स्प्रे से त्वचा का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इन उत्पाद
70 फीसदी भारतीयों की मांसपेशियां कमजोर,
एक शोध में पता चला है कि 70 फीसदी से अधिक भारतीय वयस्क मांसपेशियों की खराब सेहत से जूझ रहे हैं। इनके शरीर में प्रोटीन की कमी है। प्रोटीन न केवल मांसपेशियों को दुरुस्त रखने के लिए जरूरी होता है, बल्कि इसके सेवन से वजन भी नियंत्रण में रहता है। इसके साथ ही यह एंजाइम्स और हॉर्मोन के सही संचालन में भी मदद करता है। प्रोटीन का हड्डियों, मांसपेशियों, कार्टिलेज, त्वचा और खून के निर्माण में अहम रोल होता है। प्रोटीन के भरपूर डाइट लेने से ब्लड प्रेशर काबू में रहता है और डायबिटीज से लड़ने में भी मदद करता
डिप्रेशन को दूर भगाने के लिए जरूर खाएं
डिप्रेशन या अवसाद ऐसी समस्या है, जिसका समय रहते पता न चले तो बात बहुत गंभीर हो जाती है। इस बीमारी का संबंध दिमाग में सूजन या हलचल से होता है। मानसिक सेहत को दुरुस्त रखने के लिए दिमागी उत्तेजना को शांत रखना जरूरी है। इसके लिए पोषक आहार बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी को अपने पास फटकने से रोकना चाहते हैं, तो ये 5 सुपरफूड आपकी मदद कर सकते हैं। इन्हें नियमित रूप से लेने से न सिर्फ डिप्रेशन को दूर रखने में मदद मिलती है, बल्कि यह एंटी डिप्रेसेंट गोलियों के रूप में